पोप के खिलाफ कट्टरपंथियों का प्रदर्शन
१५ जनवरी २०११इन विरोध प्रदर्शनों को तहरीक तहफ्फुज ए नमूस ए रिसालत के बैनर तले आयोजित किया गया. यह ऐसे इस्लामी गुटों का संगठन है जो पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून में किसी तरह का संशोधन या फिर उसे खत्म किए जाने के खिलाफ हैं. जमात उद दावा, सुन्नी तहरीक, जमात ए इस्लामी, जमात उलेमा ए पाकिस्तान, जमात उलेमा ए इस्लाम फजल ने इन प्रदर्शनों में हिस्सा लिया.
लाहौर में जमात उद दावा के मुख्यालय के बाहर संगठन के नेता हाफिज सैफुल्लाह मंसूर ने आशिया बीबी के पक्ष में आवाज उठाने के लिए पोप की आलोचना की. आशिया बीबी एक ईसाई महिला हैं जिन्हें पैगंबर मोहम्मद का कथित रूप से अपमान किए जाने के बाद मौत की सजा सुनाई गई है. सैफुल्लाह मंसूर ने आरोप लगाया कि जब एक अमेरिकी पादरी ने कुरान को जलाने की धमकी दी तो पोप और पश्चिमी देशों ने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया.
पोप और इस्राएल के खिलाफ नारे
जमात उद दावा के एक और नेता अब्दुर रहमान मक्की ने कहा कि पोप का बयान पाकिस्तान के अंदरुनी मामलों में दखल देने के बराबर है. मक्की ने पाकिस्तान सरकार से विदेशी दबाव के आगे न झुकने की अपील की है और कहा है कि अगर आशिया बीबी को देश छोड़ कर जाने की इजाजत दी गई तो उसके लिए सत्ताधारी दलों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने हाथों में बैनर और तख्तियां उठाई थीं जिसमें पोप के खिलाफ और ईशनिंदा कानून के समर्थन में नारे लिखे थे. प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका, पोप और इस्राएल के खिलाफ नारे लगाए. जमात ए इस्लामी के नेता सिराजुल हक का कहना है कि पोप की मांग से मुस्लिम जगत की भावनाओं को ठेस पहुंची है. उन्होंने पाकिस्तानी सत्ता तंत्र को चेतावनी दी कि अगर ईशनिंदा कानून में संशोधन का प्रयास किया गया तो इस्लामाबाद तक मार्च किया जाएगा.
पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के गवर्नर और ईशनिंदा कानून के विरोधी सलमान तासीर की उनके एक अंगरक्षक ने हत्या कर दी. तासीर की हत्या की अंतरराष्ट्रीय जगत और पाकिस्तान के उदारवादी तबके ने कड़ी निंदा की लेकिन कट्टरपंथी पार्टियां तासीर के हत्यारे के समर्थन में आ गई हैं. तासीर के हत्यारे मुमताज कादरी ने कहा है कि ईशनिंदा कानून विरोधी होने के चलते ही तासीर की हत्या की गई. इसके बाद से ही कादरी कट्टरपंथियों में एक हीरो के रूप में लोकप्रिय हो गए हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ईशा भाटिया