प्राकृतिक आपदाओं से बेघर होता एशिया
१३ मार्च २०१२एशियन डेवेलपमेंट बैंक में विकास विभाग के निदेशक बार्ट एडेस ने बैंकॉक में रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा, "सच्चाई यह है कि पिछले साल जनवरी से चार करोड़ से अधिक लोगों को आपदाओं के कारण अपना घर छोड़ कर जाना पड़ा है. इस से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आगे क्या होने वाला है." रिपोर्ट में बताया गया है की एशिया और प्रशांत महासागर में स्थित देशों को जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक खतरा है. इन देशों में प्राकृतिक आपदाएं भी अधिक होती हैं और आबादी अधिक होने के कारण यहां जान माल का नुकसान भी सबसे ज्यादा देखा जाता है.
'अड्रेसिंग क्लाइमेट चेंज एंड माइग्रेशन इन एशिया एंड द पेसिफिक' नाम की इस रिपोर्ट ने पहली बार एशिया में लोगों के बेघर होने को जलवायु परिवर्तन से जोड़ कर देखा है. दुनिया भर में 20 करोड़ आप्रवासी मौजूद हैं. इनका एक तिहाई हिस्सा एशिया से आता है.
2010 में ही पाकिस्तान और चीन में आई बाढ़ के कारण तीन करोड़ लोग बेघर हो गए थे. जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित दुनिया के दस देशों में से छह एशिया में हैं. इनमें भारत समेत बांग्लादेश, नेपाल, अफगानिस्तान, फिलीपीन्स और म्यांमार शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में सबसे अधिक लोग चीन, भारत और फिलीपीन्स में बेघर हो रहे हैं. चीन में बेघर होने वाले लोगों की संख्या 3.5 करोड़ है, जबकि भारत में दो करोड़. फिलीपीन्स में यह 70 लाख है.
रिपोर्ट में सरकारों को सलाह दी गई है कि किस तरह से इस स्थति पर नियंत्रण पाया जा सकता है. एशियन डेवेलपमेंट बैंक ने कहा है कि सरकारों को भविष्य में अपनी विकास योजनाओं में इसे भी शामिल करना होगा."एशिया और प्रशांत महासागर में स्थित देशों को आपदाओं के कारण होने वाले आप्रवास के खतरे को लोगों की जिंदगी में सुधार लाने के मौके में बदलना होगा. विकास की योजनाओं में बदलाव लाने होंगे और लोगों की सुरक्षा पर अधिक निवेश करना होगा."साथ ही रिपोर्ट में बेहतर अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भी बात कही गई है. बार्ट एडेस ने बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए कहा कि विदेशों में रह रहे बांग्लादेशियों ने मुसीबत के वक्त देश को जो मदद पहुंचाई उस से बहुत फायदा हुआ. उन्होंने अन्य देशों में भी ऐसा किए जाने की सलाह दी.
एशियन डेवेलपमेंट बैंक ने कहा है कि इन देशों को 2050 तक प्रति साल चालीस अरब डॉलर तक का निवेश करना होगा ताकि लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से पूरी तरह से बचाया जा सके.
रिपोर्ट: डीपीए,एएफपी/ईशा भाटिया
संपादन: आभा मोंढे