फिर बनेगा टाइटैनिक जहाज
३० अप्रैल २०१२ऑस्ट्रेलिया के पांचवें सबसे अमीर शख्स पाल्मर ने बताया कि टाइटैनिक II बिलकुल असली जहाज की तरह होगा और इसका पहला सफर भी उसी रास्ते पर होगा, जिस पर 100 साल पहले टाइटैनिक ने दम तोड़ दिया था. उन्होंने चीन की सीएससी जिंगलिंग शिपयार्ड से समझौता कर लिया है, जो चीन सरकार की कंपनी है.
पाल्मर का कहना है, "टाइटैनिक II असली जहाज जैसा ही भव्य होगा. वैसा ही आलीशान होगा. लेकिन इसमें आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त होंगे और शानदार नैविगेशन होगा. यह उन लोगों को श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने टाइटैनिक तैयार किया."
पहली यात्रा के दौरान टाइटैनिक जहाज बर्फ की एक चट्टान से टकरा गया और उसमें सवार लगभग 1500 लोग मारे गए. उस वक्त यह दुनिया का सबसे बड़ा और कीमती जहाज था. पाल्मर के पास करीब पांच अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर की संपत्ति है और कोयला उद्योग में उनकी धाक है. वह इस प्रोजेक्ट को लेकर बेहद उत्साहित हैं.
नई कोशिश, नया अंदाज
उनका कहना है कि पहले भी टाइटैनिक जैसा जहाज बनाने की कोशिश की जा चुकी है लेकिन पैसों की वजह से प्रोजेक्ट फेल हो गया. लेकिन टाइटैनिक II के लिए सभी पहलुओं को देख लिया गया है. उन्होंने नहीं बताया कि टाइटैनिक II बनाने में कितने पैसे लगेंगे लेकिन इतना जरूर कहा कि इसके लिए उन्होंने नई जहाज कंपनी ब्लू स्टार लाइन बना ली है. नए जहाज का डिजाइन इतिहासकारों की एक टीम के साथ मिल कर तैयार किया जा रहा है.
पहले टाइटैनिक का इंजन कोयले से चलने वाला था लेकिन अबकी बार यह डीजल से चलेगा. चार चिमनियां होंगी, जो पुराने टाइटैनिक की तरह दिखेंगी और इसमें वैसा ही सजावट किया जाएगा. लेकिन जहाज के निचले हिस्से में खास बदलाव किया जाएगा. पाल्मर ने बताया कि सुरक्षा और तेज गति को ध्यान में रखते हुए जहाज के तले में बड़े बदलाव होंगे.
हालांकि आधुनिक समय के हिसाब से टाइटैनिक II बहुत बड़ा जहाज नहीं होगा लेकिन ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए दुनिया पर जरूर निगाह रखेगी. इसमें 1680 मुसाफिर होंगे, जबकि जहाजों में 2000 मुसाफिरों का होना आम बात है.
नाकाम पर मशहूर टाइटैनिक
असली टाइटैनिक जहाज का निर्माण 20वीं सदी की शुरू में ब्रिटेन में हुआ. इसकी पहली सवारी के लिए लोगों ने पैसे उड़ेल दिए और कुछ लोगों ने तो जिन्दगी भर की कमाई 1912 में चले इस जहाज के सफर के लिए खर्च कर डाले. लेकिन जहाज बदकिस्मत साबित हुआ और पहली यात्रा में ही बर्फ की चट्टान से टकरा कर इसने दम तोड़ दिया. अटलांटिक सागर में हुए हादसे में जहाज पर सवार दो तिहाई लोग मारे गए बाकियों को बचा लिया गया. हालांकि टाइटैनिक का वैभव कभी खत्म नहीं हुआ. बीसवीं सदी के आखिरी सालों में जेम्स कैमरन ने इस पर आधारित जो फिल्म बनाई, उसने बॉक्स ऑफिस के तमाम कीर्तिमान तोड़ दिए. फिल्मों के सितारे केट विंसलेट और लियानार्डो डी कैप्रियो आज भी उसी फिल्म के लिए जाने जाते हैं.
देखना है कि ऑस्ट्रेलियाई कारोबारी का जहाज क्या गुल खिलाता है. वैसे तो टाइटैनिक II चीन में बन रहा है और मेड इन चाइना ब्रांड की विश्वसनीयता को लेकर भारत में चुटकुले चलते हैं लेकिन निश्चित तौर पर चार साल बाद यह सुर्खियों में होगा.
एजेए/एनआर (एपी)