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फिल्म का गुस्सा मिटाएगी विज्ञापन फिल्म

२२ सितम्बर २०१२

पाकिस्तान के लोगों में विवादित फिल्म को लेकर अमेरिका के लिए भड़का गुस्सा एक विज्ञापन फिल्म से शायद कम हो जाए. पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर चल रहे इस विज्ञापन फिल्म पर अमेरिका उम्मीद टिकी है.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से जारी इस फिल्म में मुस्लिम विरोधी फिल्म, इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स की निंदा की गई है. विदेश मंत्रालय का मानना है कि इस से लोगों के गुस्से को कम करने में मदद मिलेगी और हिंसक विरोध प्रदर्शनों की आंच ठंडी पड़ेगी. इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास ने यह फिल्म तैयार कराया है जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के फिल्म की निंदा करते सार्वजनिक बयान को भी शामिल किया गया है. इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स नाम की जिस फिल्म पर पूरी दुनिया में बवाल मचा है वह अमेरिका में ही बनी है.

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तस्वीर: dapd

पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर अमेरिकी विदेश विभाग की विज्ञापन फिल्म का प्रसारण गुरुवार से शुरू हुआ. फिल्म बनाने पर अमेरिकी सरकार ने कोई 70 हजार अमेरिकी डॉलर खर्च किए हैं. ऊर्दू सबटाइटल वाली यह फिल्म पाकिस्तान के प्रमुख टीवी चैनलों पर दिखाई जा रही है और माना जा रहा है कि देश के करीब 9 करोड़ लोगों तक इन चैनलों की पहुंच है. पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन गर्माने के बाद से अब तक केवल कराची में तीन पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 12 लोग मारे गए हैं, इसके अलावा पेशावर में भी तीन लोगों के मारे जाने की खबर है. देश भर में विरोध प्रदर्शनों के दौरान 200 से ज्यादा लोग घायल हुए है. ऐसे माहौल में इस विज्ञापन फिल्म का क्या असर होगा इस पर सवाल पूछे जा रहे हैं.

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड का कहना है कि विज्ञापन के असर को देखने के लिए अभी कुछ और वक्त की जरूरत है. नूलैंड का कहना है कि पाकिस्तान के सबसे ज्यादा मुखर लोग विवादित फिल्म पर प्रतिक्रिया जताने वालों में सबसे ज्यादा प्रबल हैं. वाशिंगटन में पत्रकारों से बातचीत में नूलैंड ने कहा, "जाहिर है कि पाकिस्तान की जनता तक पहुंचने के लिए हम जो तरीके अपना रहे हैं वो कितने कारगर हैं उनके बारे में बात करना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन हमें इस दिशा में आगे बढ़ने की तरफ देखना होगा."

Islamabad Proteste
तस्वीर: AFP/Getty Images

इस विज्ञापन के लिए टेलिविजन में स्लॉट खरीदने के साथ ही अमेरिकी दूतावास ने अपने फेसबुक पन्ने पर इसका लिंक भी डाला है. फेसबुक पर वीडियो के नीचे डाली गई प्रतिक्रियाओं में ज्यादातर नकारात्मक है. नूलैंड का कहना है कि अमेरिकी दूतावास ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है, यहां तक कि जो लोग अमेरिका से सहमत नहीं हैं उन तक भी पहुंचने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही नूलैंड ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के ज्यादातर लोग इस मामले पर खामोश हैं. वो, "घरों में हैं, वे लोग फेसबुक पर बहस नहीं कर रहे, ना ही नकारात्मक प्रतिक्रियायें दे रहे हैं."

इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स पर विवाद बढ़े एक हफ्ते से ज्यादा हो गया है. पूरा मध्य पूर्व विरोध प्रदर्शनों की आंच में सुलग रहा है. खासतौर से शुक्रवार की नमाज के बाद वहां प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं. काहिरा, लीबिया, और बेनगाजी में अमेरिकी दूतावास और कॉन्सुलेट में हुए हमलों के लिए इसी फिल्म को जिम्मेदार माना जा रहा है. लीबिया में तो तीन अमेरिकी अधिकारियों समेत वहां के अमेरिकी राजदूत की हत्या भी इन्हीं विरोध प्रदर्शनों के दौरान कर दी गई.

एनआर/एमजे (एएफपी)