फुकुशिमा में बढ़ सकता है प्रतिबंधित क्षेत्र
११ अप्रैल २०११दुर्घटना के बाद फुकुशिमा संयंत्र को चलाने वाली कंपनी टेपको के बोर्ड प्रमुख मासात्का शिमिजू पहली बार इस इलाके में आ रहे हैं. जिस तरीके से कंपनी की ओर से इस दुर्घटना से अब तक निपटा गया है, सारे देश में उसकी आलोचना हो रही है. माना जा रहा है कि टेपको के प्रधान परमाणु बिजलीघर में अभी तक बनी हुई समस्याओं के लिए स्थानीय अधिकारियों से माफी मांगेंगे. वैसे फुकुशिमा के गवर्नर यूहेई सातो ने कहा है कि शिमिजू से मिलने की उनकी कोई योजना नहीं है. सातो ने पिछले दिनों में अक्सर सरकार व टेपको की कड़ी आलोचना की है. उनका कहना है कि परमाणु बिजलीघर में सुरक्षा के दावे के साथ वे जनता को धोखा देते रहे हैं.
सोमवार को जापान सरकार ने कहा है कि दुर्घटनाग्रस्त इलाके के इर्दगिर्द कुछ इलाकों में प्रतिबंधित क्षेत्र का विस्तार किया जा सकता है. लेकिन मुख्य कैबिनेट सचिव यूकिओ एदानो ने कहा कि कुल मिलाकर दायरे का विस्तार नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि दुर्घटना का खतरा अब घट चुका है, इसलिए कुल दायरे का विस्तार जरूरी नहीं रह गया है. फुकुशिमा के दुर्घटनाग्रस्त रिएक्टरों के इर्दगिर्द 20 किलोमीटर वाले क्षेत्र को प्रतिबंधित घोषित करते हुए वहां से सभी लोगों को हटा लिया गया है. जापान सरकार इसके विस्तार की मांगों को अब तक ठुकराती रही है.
जापान के प्रधानमंत्री नाओतो कान ने संसद में कहा था कि कुल मिलाकर 70 हजार लोगों को वहां से हटाया जा चुका है. उनका कहना है कि प्रतिबंधित क्षेत्र का दायरा बढ़ाने पर अतिरिक्त रूप से 1 लाख 30 हजार लोगों को हटाना पड़ेगा.
अंतरराष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी ने जापान से अपील की है कि वह प्रतिबंधित क्षेत्र का दायरा बढ़ाए. इसके अलावा अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ देशों ने जापान में मौजूद अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे बिजलीघर से कम से कम 80 किलोमीटर की दूरी पर रहें.
इस बीच जापान में विनाशकारी भूकंप और सूनामी को आए एक महीना पूरा हो गया है. इस प्राकृतिक आपदा में 20 हजार से भी ज्यादा लोग मारे गए जिनकी याद में सोमवार को जापान में कुछ देर के लिए मौन रखा गया. यह मौन स्थानीय समय के अनुसार दोपहर 2.46 बजे रखा गया. एक महीना पहले ठीक इसी वक्त 9.0 की तीव्रता वाले भूकंप ने जापान को हिला दिया जिसके कारण आई सूनामी अपने साथ भारी तबाही लेकर आई.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: ए कुमार