फेटल के शंखनाद से इंडियन ग्रां प्री का आगाज
३० अक्टूबर २०११अति उत्साह के साथ शुरू हुई भारत की पहली फॉर्मूला वन रेस सेबास्टियान फेटल के विजयघोष के साथ खत्म हुई. 60 लैप्स (चक्करों) में होने वाली 308.4 किलोमीटर की रेस 24 साल के फेटल ने डेढ़ घंटे में पूरी कर दी. रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाए जा रहे रेड बुल टीम के जर्मन ड्राइवर फेटल ने ऐसी रेस लगाई कि बाकी ड्राइवर देखते रहे गए.
मैक्लॉरेन के ब्रिटिश ड्राइवर जेन्सन बटन ने भी प्रभावित किया. फेटल को ठीक ठाक टक्कर देने की कोशिश सिर्फ वही कर सके. मार्क वेबर, फर्नांडो ओलोंसो और लुइस हैमिल्टन तो तीसरे चौथे स्थान के लिए खींच खांच करते रह गए. बटन फेटल से साढ़े आठ सेकेंड पीछे और दूसरे स्थान पर रहे. दो बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुके फेरारी के ओलोंसो तीसरे स्थान पर रहे. फेटल के साथी मार्क वेबर चौथे स्थान पर रहे.
आखिरी लैप पूरा करते ही फेटल ने टीम रेडियो पर कहा, "हां बॉस, हमने कर दिखाया. पहली इंडियन ग्रां प्री. शानदार चुनौती और हमने यह कर दिखाया." फेटल इस साल अब तक 17 में से 11 रेस जीत चुके हैं. चार में वह दूसरे स्थान पर रहे और सिर्फ एक-एक बार ही तीसरे व चौथे नंबर पर रहे.
दिल्ली में मिली जीत से फेटल फॉर्मूला वन के एक सीजन में सबसे ज्यादा रेस जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी के करीब आ गए हैं. अभी ब्राजील और अबु धाबी की रेस बाकी है. एक सत्र में 13 रेसें जीतने का रिकॉर्ड जर्मनी के ही मिषाएल शूमाखर के नाम है. सात बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुके शूमाखर दिल्ली में पांचवें नंबर पर रहे.
हिस्पानिया टीम के भारतीय ड्राइवर नारायणन कार्तिकेयन की हमेशा की तरह पीछे से फर्स्ट आने वालों में रहे. इस बार वह 17वें नंबर पर देखे गए. पहली इंडियन जीपी में लुइस हैमिल्टन और फेरारी के फेलिपे मासा की तकरार भी आकर्षण का केंद्र रही. 24 वें लैप के एक तीखे मोड़ पर मासा और हैमिल्टन एक दूसरे को रोकने लगे. नतीजा रहा कि दोनों की कारें दिल्ली में भी भिड़ीं. मासा की कार के आगे के दाहिने पहिए का संस्पेंशन गड़बड़ा गया. अगले लैप में वह सीधे ट्रैक से बाहर निकलते हुए साइन बोर्ड से टकरा गए और रेस से बाहर हो गए.
रेसिंग के खेल के लिए बीते दो रविवार खराब रहे. लास वेगस में ब्रिटिश ड्राइवर डैन व्हेलडन और मलेशिया में इटैलियन बाइक रेसर मार्को सिमोनसेली की मौत के बाद कई तरह की चिंताएं जताई जा रही थीं. पहली बार फॉर्मूला वन रेस करा रहे भारतीय आयोजकों को रेस की सफलता से बड़ी कामयाबी मिली है. सभी ड्राइवरों और फॉर्मूला वन टीमों ने बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट की बेहद तारीफ की है.
रिपोर्ट: एएफपी, रॉयटर्स, डीपीए/ओ सिंह
संपादन: वी कुमार