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फ्रांस में संसदीय चुनाव

१० जून २०१२

फ्रांस में संसदीय चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान जारी. चुनाव पूर्व सर्वे में सोशलिस्ट राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद की पार्टी को साफ बहुमत मिलने की संभावना नहीं, पर सहयोगी पार्टियों के साथ उन्हें सुविधाजनक बहुमत मिल जाएगा.

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तस्वीर: Reuters

फ्रांस के मतदाता संसद के निचले सदन नेशनल एसेंबली की 577 सीटों के लिए वोट डाल रहे हैं. राष्ट्रपति ओलांद के लिए बहुमत जीतना जरूरी है ताकि वे यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए तेज फैसले ले सकें और यूरोपीय संघ में अपनी बात मनवा सकें. पूर्व राष्ट्रपति निकोला सारकोजी के विपरीत वे कर्ज संकट से निबटने के लिए कठोर बचत के अलावा अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाले कदमों की भी मांग कर रहे हैं.

57 वर्षीय ओलांद ने कंजरवेटिव राष्ट्रपति निकोला सारकोजी को 6 मई को हुए चुनाव में हरा दिया था. वे यूरोपीय संघ में आर्थिक विकास के लिए ज्यादा करने की वकालत कर रहे हैं और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल सहित दूसरे नेताओं को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि बजट जिम्मेदारी संधि में बदलाव किये जाएं. मैर्केल ने संधि पर फिर से सौदेबाजी से इंकार किया है लेकिन वे आर्थिक विकास के कदमों के खिलाफ नहीं हैं. मैर्केल पैसा जुटाने के लिए साझा यूरोपीय बांड जारी करने का विरोध कर रही हैं.

यूरोप के अधिकतर देशों में हो रही बारिश के बीच सुबह 8 बजे 64,000 मतदान केंद्र खुले. वोटिंग शाम 8 बजे तक होगी, जब एग्जिट पोल के आरंभिक नतीजे आने शुरू होंगे और पता चलेगा कि सोशलिस्ट पार्टी और उनके सहयोगियों को बहुमत मिलने की चुनाव भविष्यवाणियां कहां तक सही हैं. फ्रांस सरकार के मंत्रियों का पद भी दांव पर लगा है, क्योंकि राष्ट्रपति ओलांद कह चुके हैं कि जो मंत्री संसद की सीट नहीं जीतते उन्हें पद पर नहीं रखा जाएगा.

Merkel und Hollande beim EU-Gipfel am 23.05.2012
यूरोपीय राजनीति में ओलांद

चुनाव का एक और अंतिम दौर 17 जून को होगा, जिसमें नेशनल एसेंबली की अंतिम बनावट का फैसला होगा. राष्ट्रपति को उनके टैक्स और खर्च कार्यक्रम के लिए समर्थन देने वाले संसद की जरूरत होगी. ऊपरी सदन सीनेट में वामपंथियों के पास पहले से बहुमत है. ओलांद ने बढ़ती बेरोजगारी पर काबू पाने और ग्रीस जैसे बचत के बिना बजट घाटा समाप्त करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकारी अनुदानों में कटौती नहीं की जाएगी. चुनाव से पहले राष्ट्रपति ने पेंशन की आयु सीमा फिर से घटाकर 60 पर लाने का अपना वादा भी पूरा कर दिया है.

ओलांद के लिए मुख्य सवाल यह है कि उनकी सोशलिस्ट पार्टी 577 सीटों वाली एसेंबली में अकेले बहुमत जीतती है या उसे 289 सीटों के बहुमत के लिए ग्रीन पार्टी और दूसरी रैडिकल वामपंथी पार्टियों पर निर्भर होना होगा. चुनाव पूर्व सर्वे में सोशलिस्ट पार्टी और सारकोजी की यूएमपी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर है. दोनों को कुल वोट का एक-एक तिहाई मिलने की संभावना है. कुछ सर्वे के अनुसार सहयोगियों के साथ सोशलिस्ट पार्टी को 46 फीसदी तक मत मिल सकते हैं, जिससे वे 292 से 346 सीटें जीत सकते हैं.

चुनाव में 6500 से ज्यादा उम्मीदवार हिस्सा ले रहे हैं. चुनाव भारत की तरह चुनाव क्षेत्रों के आधार पर होता है, लेकिन जीत के लिए 50 फीसदी से ज्यादा वोट पाना जरूरी है. आम तौर पर पहले चरण में कम ही उम्मीदवारों को इतना बड़ा समर्थन मिलता है. पहले चरण में पंजीकृत मतदाताओं का 12.5 फीसदी मत पाने वाले उम्मीदवार दूसरे और अंतिम चरण में चला जाता है, जहां जीत का अंतिम फैसला होता है. सर्वे के अनुसार राष्ट्रपति चुनावों में 17.9 फीसदी मत पाने वाली उग्र दक्षिणपंथी नेता मारीन ले पेन की पार्टी तीन सीट तक जीत सकती है.

रिपोर्ट: महेश झा (रॉयटर्स, एएफपी)

संपादन: आभा मोंढे

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