बच्चों की मौत के बाद माता पिता खतरे में
१३ सितम्बर २०११ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने राष्ट्रीय मृत्यु पंजीकरण से साल 1971 से 2006 तक मृत्यु के आंकड़े के इकट्ठा किए और उसका विश्लेषण किया. शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन माता पिता के नवजात शिशु की मौत हो जाती है उन माता पिता की भी समय से पहले मौत का खतरा बना रहता है. नया शोध ब्रिटेन की चिकित्सा पत्रिका बीएमजे सपोर्टिव एंड पैलिएटिव केयर ऑनलाइन में छपा है. शोधकर्ताओं ने उन नवजात शिशुओं के मृत्यु की जांच की जो पैदा होने के पहले साल में मरे या फिर जिनकी गर्भ में ही मृत्यु हो गई. शोधकर्ताओं ने पाया कि शोकसंतप्त होने के बाद अभिभावकों की पहले 15 साल में मौत का खतरा बढ़ जाता है. जबकि जिन लोगों के नवजात शिशुओं की मौत नहीं हुई उनमें ऐसे आंकड़े नहीं मिले. शोध का नेतृत्व करने वाली यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क की डॉक्टर मेरी हार्पर कहती हैं ऐसा चलन पति या पत्नी की मौत के बाद भी देखा जा चुका है.
जोखिम में माता पिता
शोध के मुताबिक इंग्लैंड और वेल्स में जिन मांओं के नवजात शिशुओं की मौत हुई उनकी समय से पहले मौत की आशंका चार गुना ज्यादा होती है.
हार्पर की टीम में स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ स्टरलिंग के भी शोधकर्ता भी शामिल थे. शोधकर्ताओं ने शुरुआत में अनुमान लगाया कि समय से पहले सिर्फ मां की ही मौत हो सकती है. लेकिन बाद में शोध से पता चला कि मृत्यु दर माता-पिता के लिए बराबर है. हार्पर ने डॉयचे वेले को बताया, "वास्तव में हमें इस बात की उम्मीद नहीं थी." हालांकि डेटा समय से पहले मौत के कारणों पर कोई रोशनी नहीं डालता है. लेकिन शोधकर्ताओं की सलाह है कि शराब की लत या फिर खुदकुशी माता-पिता की मौत का कारण हो सकती है. हार्पर कहती हैं, "हमें इस बात को साबित करने के लिए थोड़ा और काम करना होगा."
भविष्य के शोध
हार्पर कहती हैं कि भविष्य में होने वाले शोध वैज्ञानिक अनुसंधान प्रणाली के तहत होने चाहिए ताकि इस बात को साबित किया जा सके कि उन माता पिता का क्या होता है जब उनके नवजात बच्चे की मौत हो जाती है. हार्पर कहती हैं, "वह कैसा अनुभव करते हैं हमें यह जानने की जरूरत है." हार्पर आने वाले दिनों में उन माता पिता पर शोध करना चाहती हैं जिन्होंने जवान बच्चा खोया है.
रिपोर्ट: अमांडा प्राइज / आमिर अंसारी