बर्खास्तगी के खिलाफ मोहम्मद यूनुस की याचिका
३ मार्च २०११सरकार के आदेश से मोहम्मद यूनुस को ग्रामीण बैंक के प्रबंध निदेशक के पद से हटा दिया गया. आज उन्होंने हाइकोर्ट में इस आदेश के खिलाफ एक याचिका दायर की है. एक दिन पहले बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक ने उन्हें आदेश दिया कि कानून का उल्लंघन करते हुए काम करते रहने के कारण वे अपने पद से हट जाएं. यूनुस की इस याचिका के साथ साथ ग्रामीण बैंक के 9 निदेशकों ने संयुक्त रूप से और एक याचिका दायर की है. इसमें भी उन्हें हटाने के आदेश को वापस लेने की मांग की गई है. इस बीच मोहम्मद यूनुस की व्यक्तिगत याचिका पर सुनवाई शुरू हो चुकी है.
कर चोरी का आरोप
70 वर्षीय मोहम्मद यूनुस ग्रामीण बैंक के संस्थापक हैं और सन 2000 से वह बैंक के मैनेजिंग डाइरेक्टर के पद पर हैं. उनकी इस पहल की व्यापक रूप से सराहना की जाती रही हैं. लेकिन पिछले साल नार्वे की एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म में आरोप लगाया गया कि यह बैंक कर चोरी में शामिल हैं. इसके बाद ग्रामीण बैंक व उसके मैनेजिंग डाइरेक्टर यूनुस को लगातार प्रधान मंत्री शेख हसीना की सरकार के हमलों का सामना करना पड़ रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नोबेल पुरस्कार विजेता की प्रतिष्ठा बनी हुई है. एक दिन पहले ही बांगलादेश में अमेरिकी दूतावास के एक वक्तव्य में उन्हें हटाने के सेंट्रल बैंक के आदेश पर बेचैनी जाहिर की गई. वक्तव्य में उम्मीद व्यक्त की गई है कि इस सिलसिले में पारस्परिक रूप से स्वीकार हो सकने वाला कोई समझौता हासिल किया जा सकेगा, ताकि ग्रामीण बैंक की स्वायत्तता बनी रहे. कहा गया है कि विकास और लोकतंत्र के लिए ग्रामीण बैंक जैसी गैर सरकारी संस्थाएं अत्यंत महत्वपूर्ण है.
नियुक्ति पर सवाल
बांग्लादेश में व्यवसायिक बैंक के मैनेजिंग डाइरेक्टर को 60 साल की उम्र में रिटायर होना पड़ता है. मोहम्मद यूनुस 70 वर्ष के हो चुके हैं. लेकिन उनका कहना है कि बैंक के बोर्ड ने उन्हें तब तक अपने पद पर बने रहने के लिए कहा है, जब तक वे इसके काबिल हैं. बोर्ड में बैंक से कर्ज लेने वालों का बहुमत है. इस सिलसिले में बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक का कहना है कि मैनेजिंग डाइरेक्टर के रूप में पिछली बार उनकी नियुक्ति से पहले कानून के मुताबिक उनसे इजाजत लेनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया था.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: एन रंजन