बांग्लादेश का काम तारीफ के काबिलः बान की मून
१५ नवम्बर २०११28 नवंबर से संयुक्त राष्ट्र का जलवायु परिवर्तन सम्मेलन डरबन, दक्षिण अफ्रीका में शुरू हो रहा है. इसमें ग्रीन क्लाइमेट फंड के तहत साल भर में 100 अरब डॉलर इकट्ठा किए जाने हैं. बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बान की मून ने कहा कि दुनिया को इस कोष को बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे. "सरकारों को रास्ते ढूंढने ही होंगे, अभी. ताकि हर साल 100 अरब डॉलर इकट्ठा करने का वादा पूरा किया जा सके."
जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले 30 देश क्लाइमेट वल्नरेबल फोरम के तहत मिल रहे हैं. अफ्रीका, अमेरिका एशिया और प्रशांत देश औद्योगिक देशों से कार्बन उत्सर्जन कम करने की मांग कर रहे हैं और तकनीकी और वित्तीय सहायता की अपील भी.
इस फोरम की शुरुआत 2009 में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने की थी. फोरम के उद्घाटन भाषण में बान ने कहा कि डरबन सम्ममेलन में यह फोरम कड़े कदम उठाने के लिए फैसले लेगा ऐसी उम्मीद है. वित्तीय अनिश्चितता के इस दौर में ग्रीन विकास के लिए आपकी प्रतिबद्धता दूसरे देशों के लिए प्रेरणा बननी चाहिए. इस मुश्किल दौर में भी हम देर करने की स्थिति में नहीं हैं.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय बातचीत की गति बहुत ही धीमी है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने आपदा से निपटने में बांग्लादेश की तैयारी के लिए उसकी तारीफ की है. सामुदायिक सेवकों और तूफान की चेतावनी देने वाली प्रणाली के कारण बांग्लादेश में चक्रवाती तूफान से मरने वालों की संख्या काफी कम हुई है. बान ने कहा कि इससे साबित होता है कि प्राकृतिक आपदाओं में मृतकों की संख्या कम की जा सकती है.
बांग्लादेश जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होने वाले देशों में आता है. वहां चक्रवाती तूफान से बचने के लिए जगहें बनाई जा रही हैं. साथ ही वह खेती के तरीकों को बदल रहा है और तटीय इलाकों में पेड़ लगा रहा है ताकि जलवायु परिवर्तन का असर कम हो.
दो दिवसीय बैठक में अफगानिस्तान, भूटान, कोस्टारिका, इथोपिया, मालदीव, नेपाल और फिलीपीन्स भी शामिल हैं. कोस्टारिका के पूर्व राष्ट्रपति जोस मारिया फिगुरेस ओल्सन ने कहा कि इस फोरम का उद्देश्य सिर्फ अमीर देशों का सहयोग पाना नहीं है बल्कि साथ काम करने का आमंत्रण भी है.
रिपोर्टः एपी, एफपी, डीपीए, आभा एम
संपादनः एन रंजन