बादशाहत बरकरार रखने के लिए दौड़ेंगे बोल्ट
२१ अगस्त २०११100 मीटर फर्राटा दौड़ के वर्ल्ड चैंपियन उसैन बोल्ट इस वक्त दक्षिण कोरिया के दाएगू में हैं. यहां वर्ल्ड चैंपियनशिप होनी है. बोल्ट को उम्मीद है कि वह अपनी बादशाहत बरकरार रखेंगे. बस उन्हें एक अदद अच्छी शुरुआत की तलाश है.
जमैका के धावक बोल्ट कहते हैं, "अगर मुझे अच्छी शुरुआत मिल गई तो फिर कोई दिक्कत नहीं होगी. मुझे लगता है मैं आसानी से जीत जाऊंगा. जब अपने दौड़ने पर आता हूं, मुझे नहीं लगता कि तब कोई मुकाबला कर सकता है."
आसान नहीं होगा सफर
100 मीटर दौड़ के शुरुआती मुकाबले 27 अगस्त को होंगे और अगले दिन फाइनल दौड़ होगी. बोल्ट के लिए ये मुकाबले आसान नहीं होंगे. 2010 में उन्हें चोट की वजह से कई प्रतियोगिताएं छोड़नी पड़ी थीं. लेकिन वह अब भी 100 मीटर दौड़ के चैंपियन हैं. और उन्हें चैंपियन बने रहना है. हालांकि अब वह रिकॉर्ड तोड़ने की बारे नहीं सोच रहे हैं. 2008 के बीजिंग ओलिंपिक और फिर उसके अगले साल वर्ल्ड चैंपियनशिप में 100 मीटर और 200 मीटर वर्ल्ड रिकॉर्ड को धराशायी करने वाले बोल्ट कहते हैं, "यहां कोई रिकॉर्ड नहीं होंगा. मेरा मुख्य मकसद तो अपने खिताब को बचाना है. बहुत सारे लोग और तेज वक्त हासिल करना चाहेंगे, लेकिन मुझे लगता है 9.7 सेकेंड काफी हैं."
वैसे 100 मीटर में बोल्ट का बेस्ट टाइम 9.58 सेकेंड्स का है जो उन्होंने बर्लिन में 2009 में बनाया था. साथ ही उनके नाम 150 मीटर और 200 मीटर का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है. 150 मीटर को उन्होंने 14.35 सेकेंड्स में पार किया है और 200 मीटर के लिए उन्होंने सिर्फ 19.19 सेकेंड्स लगाए हैं. 2009 में तो उनका प्रदर्शन ऐसा अद्भुत था कि लोग उन्हें लाइटनिंग बोल्ट कहने लगे. उस साल उन्हें वर्ल्ड एथलीट ऑफ द ईयर भी चुना गया.
साथी से ही मुकाबला
हालांकि इस साल अब तक बोल्ट सबसे तेज नहीं रहे हैं. उनके ही टीम के साथी असाफा पोवेल ने उन्हें पीछे छोड़ रका है. पोवेल ने जून में लाउजाने में 9.78 सेकेंड्स का वक्त लिया. बोल्ट इसकी वजह चोटों को बताते हैं. वह कहते हैं, "चोटों ने मुझे बहुत पीछे छोड़ दिया. मैं सीजन की शुरुआत में पूरा जोर नहीं लगा सका क्योंकि आपको धीरे धीरे आगे बढ़ना होता है. आप एकदम तेज वापसी नहीं कर सकते."
बोल्ट को लग रहा है कि उन्हें शुरुआत में दिक्कत आ रही है. वह कहते हैं कि जब एक बार आप कुछ वक्त के लिए थम जाते हैं तो दौड़ना थोड़ा मुश्किल हो जाता है.
लेकिन फिलहाल वह जमकर ट्रेनिंग कर रहे हैं और वह दौड़ने के लिए तैयार हैं. और कोरिया के लोग उन्हें दौड़ते देखने के लिए बेसब्र हैं. वह कहते हैं, "जब मैं यहां आया तो मैंने उनके जज्बात को महसूस किया. जब एयरपोर्ट पर मैंने लोगों को अपने लिए चिल्लाते देखा तो मुझे चैंपियनशिप के जोश का अहसास हो रहा था."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन