बार्सिलोनाः सांड की गर्दन में आखिरी तलवार
२५ सितम्बर २०११बार्सिलोना में आज आखिरी बुलफाइट होगी. बार्सिलोना के लगभग एक सदी पुराने बुल रिंग में कत्ल किया जाने वाला यह आखिरी सांड होगा. स्पेन में बहुत से लोगों के लिए बुलफाइट राष्ट्रीय उत्सव की अहमियत रखता है लेकिन जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता लंबी लड़ाई के बाद इस पर प्रतिबंध लगाने में कामयाब हुए हैं. कम से कम कैटेलोनिया इलाके में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि बुलफाइटिंग के चाहने वाले इसके लिए संघर्ष जारी रखने की बात कह रहे हैं. ऐसे ही एक फैन मारिन अखबार एल मुंडो से कहते हैं, "हमने एक लड़ाई हारी है, अभी तो जंग जारी है."
जानवरों के अधिकारों के लिए लड़ने वालीं एडा गैसकन कहती हैं कि अब कैटेलोनिया में हमने अपना मकसद हासिल कर लिया है तो बाकी स्पेन के लिए लड़ाई होगी.
क्यों लगा है बैन
75 लाख लोगों की आबादी वाला कैटेलोनिया स्पेन का एक अमीर इलाका है. इसमें जानवरों के अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ी है. 2004 में ही इलाके की राजधानी बार्सिलोना ने खुद को बुलफाइट निषेध शहर घोषित कर दिया. उसके बाद दर्जनों शहरों ने ऐसा ही किया. और आखिरकार बीते साल जुलाई में क्षेत्रीय संसद ने सांडों से लड़ाई पर प्रतिबंध लगा दिया. यह प्रतिबंध अगले साल पहली जनवरी से लागू होगा. देश का कैनरी द्वीप 1991 में ही यह प्रतिबंध लागू कर चुका है. हालांकि इस फैसले को लोगों ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी.
लेकिन कैटलोनिया के लिए बुलफाइट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सिर्फ जानवरों के लिए बढ़ते प्यार का नतीजा नहीं है. इसके राजनीतिक मायने भी हैं. कैटेलोनिया में स्पेन से अलग अपने राष्ट्रवाद की भावना जोर पकड़ रही है. रह रहकर वहां अलगाववादी आवाजें भी सुनाई देने लगती हैं. इसलिए यह इलाका हर उस चीज से दूर हो जाना चाहता है जो स्पेनिश राष्ट्रवाद से जुड़ा है. मारिन कहते हैं, "इलाके की अलगाववादी धारा स्पेन का प्रतिनिधित्व करने वाली हर चीज का सफाया कर देना चाहती है."
बुलफाइट स्पेन के लिए सिर्फ खेल नहीं है. यह एक उद्योग भी है. इस उद्योग से सालाना साढ़े तीन अरब डॉलर पैदा होते हैं जो जीडीपी का 0.25 फीसदी है.
नौजवानों को नापसंद
इस उद्योग में दो लाख लोगों को सीधे रोजगार मिलता है. इनमें सांडों से लडऩे वालों के अलावा मैनेजर, सांडों की देखभाल करने वाले और खेल प्रबंधन से जुड़े हजारों लोग हैं. इसके बावजूद एर्नेस्ट हेमिंग्वे और पाब्लो पिकासो जैसे महान फनकारों को प्रेरित करने वाली यह ऐतिहासिक परंपरा अपनी जमीन छोड़ रही है. एक सर्वे के मुताबिक अब सिर्फ 37 फीसदी स्पेनी बुलफाइट में दिलचस्पी रखते हैं. 60 फीसदी लोग तो इससे नफरत करते हैं. नापसंद करने वालों में नौजवान सबसे ज्यादा हैं.
इस खेल में जानवरों को बेहद क्रूरता से मारा जाता है. उनकी पीठ पर एक भाला भोंक दिया जाता है जिससे वे धीरे धीरे मरते हैं. इस धीमी मौत के दौरान उन्हें बुलफाइटर से लड़ना होता है. आखिर में फाइटर गर्दन में तलवाब भोंककर सांड की हत्या कर देता है. पशुप्रेमी इसे क्रूरता की हद मानते हैं.
लड़ाई को इन्सान के लिए आसान बनाने के कई तरीके अपनाए जाते हैं. मसलन सांडों के सींग काट दिए जाते हैं ताकि वे कम खतरनाक हो जाएं.
छुटकारा इतना आसान नहीं
कुछ जानकार मानते हैं कि लोगों का मोहभंग होने की वजह क्रूरता ही नहीं है बल्कि कुछ और कारक भी हैं जो इसके लिए जिम्मेदार हैं. इनमें स्पेन की कमजोर आर्थिक स्थिति से लेकर इबेरिया के सांडों की खास लड़ाकी नस्ल 'ब्रेव बुल' की गुणवत्ता में आई कमी भी है. बुलफाइटिंग के जानकार कहते हैं कि नई नस्ल के सांडों की लड़ने में दिलचस्पी घट रही है.
कुछ लोग कहते हैं कि यह पुराने जमाने का मनोरंजन है और नई पीढ़ी के पास नए जमाने के ढेरों साधन हैं. बुलफाइट विरोधी कार्यकर्ता हेलेना एस्कोडा कहती हैं, "नौजवान लोग इतना पुराना मनोरंजन नहीं चाहते."
लेकिन स्पेन में सांडों को लेकर दीवानापन तो है. इसलिए कैटेलोनिया भी पूरी तरह इससे छुटकारा नहीं पा सका है. मसलन सांडों की दौड़ जारी रहेगी. स्पेन के कुछ इलाके बुलफाइट के बचाव में खड़े हुए हैं. वे संस्कृति और परंपरा की दुहाई देते हैं.
स्पेन के प्रधानमंत्री होजे लुइज रोड्रिग्ज जपातेरो की सरकार ने बुलफाइट को गृह मंत्रालय के बजाय संस्कृति मंत्रालय के अधीन रखा है. नवंबर में देश में चुनाव होने हैं. और अनुमान लगाया जा रहा है कि विपक्षी दक्षिणपंथी पीपल्स पार्टी चुनाव जीत सकती है. वह बुलफाइट की समर्थक है. पार्टी ने कैटेलोनिया में लगे प्रतिबंध को संवैधानिक कोर्ट में चुनौती दी है.
कैटेलोनिया में भी बुलफाइट समर्थक अपना अभियान छेड़े हुए हैं. उन्होंने इसके समर्थन में तीन लाख लोगों के दस्तखत लिए हैं. इसके विरोधी उम्मीद कर रहे हैं सामाजिक विकास को रोका नहीं जा सकेगा.
इस बीच कैटेलोनिया के बुलफाइटर अपने इस खेल को स्पेन में किसी और राज्य में या फिर दक्षिणी फ्रांस में ले जाने के बारे में सोच रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन