बार्सिलोना और कतर फाउंडेशन के बीच रिकॉर्ड डील
२६ सितम्बर २०११इसे फुटबॉल इतिहास की सबसे बड़ी स्पॉन्सरशिप डील कहा जा रहा है. करार के तहत कतर फाउंडेशन 171 मिलियन यूरो यानी करीब 11 अरब 34 करोड़ रुपये चुकाएगा. यह पहला मौका है जब बार्सिलोना ने अपनी जर्सी में किसी संस्था का लोगो (पहचान चिह्न) लगाने के लिए पैसे लिए हैं. दोनों पक्षों के बीच बीते साल दिसंबर से इस बातचीत चल रही थी. लेकिन विरोध के कारण करार को टालना पड़ा.
विरोध की वजह से करार के प्रस्ताव को बार्सिलोना की महासभा के सामने लाया गया. शनिवार देर रात महासभा ने भारी अंतर से कतर फाउंडेशन का प्रस्ताव स्वीकार किया. पक्ष में 697 वोट पड़े, विरोध में 76 वोट पड़े. 36 सदस्य अनुपस्थित रहे. करार के तहत अगले साढ़े पांच साल तक कतर फाउंडेशन का नाम बार्सिलोना की जर्सी पर होगा.
विरोध क्यों
करार को स्वीकृति मिलने के बावजूद विरोध के सुर कम नहीं पड़े हैं. बार्सिलोना के पूर्व कोच योहान क्रूफ ने करार को 'भद्दा' कहा है. हजारों प्रशंसक हस्ताक्षर अभियान भी चला रहे हैं. इन प्रशसंकों ने करार को रद्द करने की मांग की है. विरोध करने वालों का यह भी कहना है कि कतर में लोकतंत्र नहीं है, वहां कोई विपक्ष नहीं है, लिहाजा कतर फाउंडेशन के साथ ऐसा करार नहीं किया जाना चाहिए.
कतर फाउंडेशन की स्थापना 1995 में हुई. मध्य पूर्व के देशों में शिक्षा, वैज्ञानिक अनुसंधान और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने के इरादे से इसकी शुरुआत हुई. फाउंडेशन को कतर के अमीर (शासक) शेख हमद बिन खलीफा अल थानी की पत्नी चलाती हैं. शेख हामद बिन खलीफा अल थानी ने 1995 में अपने पिता का तख्ता पलट कर खुद को कतर का अमीर घोषित कर दिया. 2003 में उन्होंने अपने बेटे तमीम को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. आलोचक इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ मानते हैं.
करार के कारण
विवादों के बावजूद बार्सिलोना के मौजूदा कोच पेप गुआर्डिओला डील से संतुष्ट हैं. 2003 से 2005 तक कतर के क्लब अल अलहली के लिए खेल चुके गुआर्डिओला कहते हैं, "कतर पश्चिमी दुनिया के लिए खुद को खोल रहा है. मैं उन प्रयासों को भी जानता हूं जो अच्छे कामों के लिए कतर फाउंडेशन कर रही है. मुझे लगता है कि हम अक्सर मुस्लिम जगत को नहीं समझ पाते और वे लोग हमें."
दरअसल बार्सिलोना की अपनी भी कुछ मजबूरियां हैं. क्लब के पास फुटबॉल के महानतम खिलाड़ियों में शुमार लियोनल मेसी हैं. बार्सिलोना जीत पर जीत दर्ज किए जा रहा है. इसके बावजूद क्लब की वित्तीय हालत खस्ता है. बीते सत्र में बारका को 7.90 करोड़ यूरो का नुकसान हुआ. 44.2 करोड़ यूरो का कर्ज अब भी सिर पर चढ़ा हुआ है.
बार्सिलोना के आर्थिक मामलों के उपाध्यक्ष खावियर फाउस कह चुके हैं कि हमारे पास और कोई रास्ता नहीं बचा है. फाउस ने कहा कि तीन साल बाद अगर क्लब के ज्यादातर सदस्यों को लगेगा कि जर्सी से कतर फाउंडेशन का नाम हटाना चाहिए तो करार खत्म कर दिया जाएगा. बार्सिलोना की जर्सी पर अब तक सिर्फ बच्चों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनीसेफ का लोगो रहता था. क्लब यूनीसेफ के लोगो के लिए कोई पैसा नहीं लेता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: वी कुमार