बेल्जियम: सरकार न बनने से परेशान लोग
२४ जनवरी २०११पुलिस ने बताया कि राजधानी ब्रसेल्स में रविवार को हजारों लोग पोस्टर और बैनर लेकर सड़कों पर उतरे. इन दिनों बेल्जियम गंभीर राजनीतिक संकट से गुजर रहा है. भाषा के आधार पर मुख्य तौर पर दो हिस्सों में बंटे बेल्जियम के नेता सरकार बनाने की राह में बाधा बन रहे अपने मतभेदों को दूर नहीं कर पा रहे हैं. इनमें उत्तरी फ्लांडर्स में डच तो दक्षिणी वोलोनिया में फ्रेंच बोली जाती है.
पांच लोगों की तरफ से फेसबुक पर शुरू की गई "शेम" मुहिम को हजारों लोगों ने समर्थन दिया और सड़कों पर उतर सरकार बनाने में राजनेताओं की नाकामी पर विरोध जताया. एक वेबसाइट पर प्रकाशित अपील में कहा गया है, "हम एक सरकार चाहते हैं. फ्लेमिश और फ्रांकोफोन समेत सभी पार्टियों के नेताओं के बीच खुली और ईमानदार तरीके से बातचीत होनी चाहिए. यह काम तुरंत किया जाना चाहिए."
पुलिस के अनुमान के मुताबिक 30 हजार लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया जबकि मार्च की शुरुआत में आयोजक ढाई हजार से ज्यादा लोगों की उम्मीद नहीं कर रहे थे. उनका कहना है कि यह प्रदर्शन पार्टी या प्रदेश लाइन से ऊपर था. इसका मकसद सरकार के गठन पर जोर देना था न कि देश को फ्लांडर्स और वोलोनिया, दो हिस्सों में बांटने पर.
बेल्जियम के राजनीतिक संकट को हल करना टेढी़ खीर साबित हो रहा है. आर्थिक रूप से संपन्न फ्लांडर्स इलाके की पार्टियां अपने क्षेत्र के लिए अधिक आर्थिक और सामाजिक स्वायत्ता की मांग कर रही हैं ताकि वहां का पैसा अपेक्षाकृत गरीब इलाके वोलोनिया को आर्थिक मदद के तौर पर न देना पड़े. रविवार के प्रदर्शन से साबित होता है कि लोगों में राजनीतिक गतिरोध को लेकर जागरुकता बढ़ रही है और वे उससे परेशान हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस गौड़