ब्रिटेन में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक भारत
१२ जुलाई २०११ब्रिटेन में साल 2010-11 में निवेश के तौर पर भारत तीसरा सबसे बड़ा देश था. भारतीय निवेशकों ने 97 नए प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की जिससे सैकड़ों नई नौकरियां पैदा हुईं. ब्रिटेन आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा हैं, जहां लोगों की नौकरियां भी जा रही हैं. आधिकारिक आंकड़ों से इसकी जानकारी मिली है. यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट ने एक रिपोर्ट "यूके इनवर्ड इनवेस्टमेंट 2010-11" जारी की है. रिपोर्ट कहती है कि, "उच्च विकास के बाजारों के साथ भारत और चीन अभी भी दो मुख्य स्त्रोत हैं ब्रिटेन में निवेश के." ब्रिटेन में भारतीय निवेश के उदाहरण को देखे तो हाल ही में टाटा स्टील और ऑस्ट्रेलिया की डाईसोल ने विस्तार योजना के तहत 1.1 करोड़ पाउंड निवेश करने का ऐलान किया है.
निवेश के लिए पसंदीदा जगह यूके
रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप में ब्रिटेन निवेशकों की पसंदीदा जगह है. ब्रिटेन के व्यापार सचिव विंस केबल ने 100 से अधिक सीईओ को संबोधित करते हुए कहा, "ब्रिटेन को गर्व है कि वह विचार और उत्पाद को निर्यात करता है. साथ ही नई तकनीक और टैलेंट के ब्रिटेन में आने पर भी उसे गर्व है." केबल ने कहा, "और देशों को छोड़ ब्रिटेन में अधिक से अधिक कंपनियां अपना मुख्यालय खोल रही है. हम इन अवसरों को भुनाने में अच्छी स्थिति में हैं." ब्रिटेन में निवेश करने में अमेरिका अव्वल स्थान पर है. उसने ब्रिटेन में 388 प्रोजेक्ट्स शुरु किए. 105 प्रोजेक्ट्स के साथ जापान दूसरे नंबर पर है. सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में ब्रिटेन में सबसे ज्यादा निवेश हुए हैं.
रिपोर्टः पीटीआई/आमिर अंसारी
संपादनः एन रंजन