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भारत और पाकिस्तान के डॉक्टरों ने जिंदगी दी

१३ फ़रवरी २०१२

भारत और पाकिस्तान के कुछ डॉक्टरों ने मिल कर पाकिस्तान में पहली बार लीवर का प्रत्यारोपण किया है. पाकिस्तान में चिकित्सा जगत इसे ऐतिहासिक ऑपरेशन कह रहा है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa Themendienst

लिविंग रिलेटिव लीवर ट्रांसप्लांट (एलडीएलटी) नाम का यह प्रत्यारोपण इसलिए भी अहम है क्योंकि इसमें दान देने और लेने वाले दोनों की जिंदगी दांव पर होती है. यह प्रत्यारोपण लाहौर के शेख जायद अस्पताल में शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान के सर्जनों की टीम ने मिल कर किया. डॉक्टरों ने बताया कि ये ऑपरेशन बहुत गंभीर और जटिल होते हैं.
नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन सुभाष गुप्ता और पाकिस्तान के तीन डॉक्टरों तारिक बंगेश, खावर शहजाद और उमेर अली की टीम ने यह ऑपरेशन किया. डॉक्टर बंगेश ने कहा, "पाकिस्तान और भारत के ट्रांसप्लांट सर्जनों के इस साझा अभियान से पाकिस्तान में एलडीएलटी के नए अध्याय की शुरुआत हुई है."
खानुम मौला को उनकी नजदीकी रिश्तेदार इरशाद बीबी का लीवर लगाया गया. दूसरा ऑपरेशन 45 साल की आबिदा परवीन का हुआ. उन्हें उनके 19 साल के बेटे ने लीवर दिया. दोनों ऑपरेशन में 12-12 घंटे लगे.
पाकिस्तानी डॉक्टरों के अनुरोध पर भारतीय सर्जन को वहां बुलाया गया था. ऑपरेशन के बाद डोनर और मरीज दोनों का स्वास्थ्य अच्छा है. उन्हें 24 घंटे के लिए आईसीयू में रखा गया.

रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम

संपादनः ओ सिंह

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