भूटान के तंबाकू निषेध कानून में फंसे बौद्ध भिक्षु
२८ जनवरी २०११बौद्ध भिक्षु के पास से 72 पैकेट चबाने वाला तंबाकू मिला. भारत में इस चबाने वाले तंबाकू को खैनी या सुर्ती के नाम से जाना जाता है. बौद्ध भिक्षु के पास तंबाकू की खरीदने की रसीद भी नहीं थी. लिहाजा उन पर तंबाकू रखने के साथ अवैध तस्करी का मामला भी दर्ज होगा. 24 साल के आरोपी बौद्ध भिक्षु का कहना है कि उसे नए कानून की जानकारी नहीं थी.
हिमालय की गोद में बसे देश भूटान में 2005 में तंबाकू निषेध कानून बनाया गया. लेकिन भारत से होने वाली तस्करी के चलते यह कानून नाकाफी साबित हुआ. इसके बाद इसी साल भूटान में इस कानून को और ज्यादा सख्त कर दिया गया. पुलिस को तंबाकू बेचने या रखने वालों को यहां छापे मारने और उन्हें गिरफ्तार करने का अधिकार दे दिया गया.
कानून के तहत रसीद के साथ कोई भी व्यक्ति भूटान में सिर्फ 200 सिगरेट या 150 ग्राम तंबाकू रख सकता है. धूम्रपान या तंबाकू का सेवन सिर्फ निजी स्थानों पर ही किया जा सकता है. इस कानून के तहत फंसने वाले पहले बौद्ध भिक्षु के पास कोई रसीद नहीं मिली. उसे भारतीय इलाके जॉयगांव के पास से गिरफ्तार किया गया. भिक्षु की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है. पुलिस अधिकारी कहते हैं, ''उन पर नियंत्रित पदार्थों की तस्करी का मुकदमा चलाया जा सकता है.''
भूटान दुनिया का पहला तंबाकू निषेध देश बनना चाहता है. इसी के चलते सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि भूटान के लोग भारत से तंबाकू उत्पादों की तस्करी करते हैं. लेकिन नए कानून के बाद पुलिस खोजी कुत्तों के साथ बाजारों में घूम रही है और दुकानदार भी कुत्तों की सूंघने की अचूक क्षमता से घबराहट महसूस करने लगे हैं.
रिपोर्ट: रॉयटर्स/ओ सिंह
संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य