मनमोहन सिंह के दौरे का पाक को इंतजार
९ सितम्बर २०१२जलील अब्बास ने कहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जब भी यहां आने का फैसला करेंगे पाकिस्तान को उनका स्वागत करने में बेहद खुशी होगी. पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ का न्योता अभी भी भारतीय प्रधानमंत्री की हामी के इंतजार में है. जिलानी को भरोसा है कि मनमोहन पाकिस्तान जाएंगे. जिलानी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यहां आएंगे." शनिवार को भारत पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद जिलानी ने यह बात कही.
बैठक के तुरंत बाद भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने कहा कि मनमोहन सिंह के पाकिस्तान दौरे का संबंध मुंबई हमले के जिम्मेदारो लोगों की पाकिस्तान में चल रहे मुकदमे से नहीं है. कृष्णा ने कहा, "प्रधानमंत्री के लिए निमंत्रण है. हम उस बिंदु पर हैं, ऐसे में कोई शर्त का सवाल ही नहीं है." भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि वो भारत लौट कर प्रधानमंत्री को अपने आकलन के बारे में बताएंगे जिसके बाद कोई फैसला लिया जाएगा. विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे के लिए कई महीनों की तैयारी की जरूरत होती है और इसके साथ ही उन्होंने यह संकेत भी दे दिया कि नजदीकी भविष्य में दौरे के आसार कम ही हैं.
राष्ट्रपति जरदारी समेत पाकिस्तान के वरिष्ठ नेता दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री के पाकिस्तान दौरे के लिए जोर डाल रहे हैं. जिलानी ने बताया कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बातचीत में कश्मीर समेत सभी मुद्दों पर चर्चा हुई. यह पूछे जाने पर कि इसमें आतंकवाद शामिल था कि नहीं उन्होंने हां में जवाब दिया और कहा भारत और पाकिस्तान दोनों, "इस समस्या के पीड़ितों में हैं." जिलानी ने कहा, "आतंकवाद दोनों देशों के लिए अहम है. हम दोनों ही इसके पीड़िता हैं. हमें ऐसा तंत्र बनाना होगा जो इससे निपट सके."
पाकिस्तानी विदेश सचिव ने कहा कि उनका देश भारत के साथ सियाचिन, जम्मू कश्मीर और सर क्रीक सीमा विवाद पर चर्चा करना चाहता है और, "सारे विवादों को खत्म करना चाहता है जिससे कि दोनों देशों के बीच बेहतर माहौल बन सके." जिलानी ने दोनों देशों के क्रिकट संबंधों को फिर बहाल होने का स्वागत किया. जिलानी ने कहा, "भारत पाकिस्तान की टीमें भारत में खेलेंगी. उम्मीद है कि पाकिस्तान में भी मैच खेल जाएं."
भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों में बेहतरी के संकेत दिए हैं. खास तौर से वीजा आसान बनाए जाने पर हुई सहमति से दोनों देशों की आवाम को खुश होने का बड़ा मौका मिला है.
एनआर/एमजी (पीटीआई)