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26/11 पर तेज काम करे पाकः मनमोहन

३१ अगस्त २०१२

गुटनिरपेक्ष शिखर भेंट के लिए तेहरान गए भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने मुंबई पर हुए आतंकी हमलों के सिलसिले में चल रहे मुकदमों पर भी चर्चा की.

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तस्वीर: AP

भारतीय प्रधानमंत्री ने जरदारी से कहा कि मुंबई हमलों से जुड़े मुकदमों का जल्द निबटारा आपसी संबंधों में भरोसा बढ़ाने वाला एक प्रमुख कदम होगा. राष्ट्रपति जरदारी के साथ आधे घंटे से ज्यादा चली बैठक में मनमोहन सिंह ने आतंकवाद पर भारत की चिंताओं पर जोर दिया.

पाक राष्ट्रपति जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान और भारत को अपनी बातचीत आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध प्रयास करने होंगे. पाकिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी एपीपी के अनुसार उन्होंने कहा, "हमने लंबा रास्ता तय किया है, लेकिन अभी हमें अभी बहुत दूर जाना है." जरदारी ने कहा कि पुरानी बातों को दोहराने के बदले ज्यादा नतीजों के लिए आगे बढ़ने की जरूरत है. जरदारी ने मनमोहन सिंह को फिर से पाकिस्तान आने का न्योता दिया तो भारतीय प्रधानमंत्री ने न्योते के लिए उनका आभार जताया.

Teheran - Treffen der blockfreien Staaten
गुटनिरपेक्ष बैठक में शामिल नेतातस्वीर: MEHR

बातचीत के बारे में भारतीय विदेश सचिव रंजन मथाई ने बताया, "प्रधानमंत्री ने कहा कि वे पाकिस्तान के साथ सामान्य रिश्तों को बहुत महत्व देते हैं और उचित समय पर पाकिस्तान का दौरा करना चाहेंगे, यानी वे अच्छी तरह से तैयारी के बाद जाना चाहते हैं." पाकिस्तान के साथ शांति और सहयोग भरे रिश्तों की इच्छा पर जोर देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि जटिल संबंधों को देखते हुए कदम दर कदम आगे बढ़ने की जरूरत है.

मथाई ने कहा कि जरदारी ने 2008 के मुंबई हमलों में शामिल लोगों को सजा दिलाने की अपने देश की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने अपने देश की कुछ मुश्किलों का जिक्र भी किया. मनमोहन सिंह ने कहा कि एक स्थिर और समृद्ध पाकिस्तान अपने और इलाके के हित में आतंकवाद के खिलाफ बांध होगा.

दोनों नेताओं की बातचीत में मनमोहन सिंह के साथ विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और वरिष्ठ अधिकारी थे तो जरदारी के साथ उनके बेटे बिलावल भुट्टो और विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर के अलावा गृह मंत्री रहमान मलिक थे. बाद में हिना रब्बानी खर ने दोनों नेताओं की मुलाकात को अच्छा बताते हुए कहा, "इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि दोनों देशों का राजनीतिक नेतृत्व एक दूसरे के साथ रिश्तों को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है."

एमजे/एजेए (पीटीआई)

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