मनमोहन सिंह के बयान से बांग्लादेश नाराज
२ जुलाई २०११मनमोहन सिंह ने अखबारों से बातचीत में कहा कि बांग्लादेश के यही लोग कई बार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के 'चंगुल' में भी फंस गए थे और बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति किसी भी वक्त बदल सकती है. प्रधानमंत्री दफ्तर ने सिंह के इस बयान के अंश को वेबसाइट से हटा दिया है और कहा है कि पीएम ने ऑफ द रिकॉर्ड यह बयान दिया है. बांग्लादेश के कई नेताओं ने सिंह की आलोचना की है और उनके बयान को 'हताश करने वाला' बताया है.
बांग्लादेश के कृषि मंत्री मातिया चौधरी ने कहा, "उनका तर्क संदर्भ से बिलकुल परे है." चौधरी ने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री का दफ्तर और विदेश मंत्रालय इसे ज्यादा अच्छी तरह समझा सकते हैं क्योंकि बांग्लादेश सरकार के पास इस सिलसिले में मीडिया खबरों के अलावा कुछ भी नहीं है. चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश विदेश मंत्री इस वक्त देश में नहीं हैं और उनके वापस आने के बाद भारत सरकार से इस विषय पर बातचीत होगी.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की सरकार में मंत्री रह चुके मुर्शीद खान ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जैसे व्यक्ति से ऐसे बयान का आना हैरान करने वाली बात है. उन्होंने कहा, "जमात(पार्टी जमात इ इस्लामी) को इस बात से खुशी होनी चाहिए कि बांग्लादेश के 25 प्रतिशत नागरिक उनके समर्थक हैं लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री को यह जानकारी कहां से मिली और उन्हें कैसे पता कि जमात के सारे समर्थक भारत के खिलाफ हैं?"
उधर जमात इ इस्लामी पार्टी ने आईएसआई से जुड़े होने को लेकर सिंह के बयान की निंदा की है. पार्टी के सचिव जनरल एटीएम अजहर उल इस्लाम ने कहा, "भारतीय प्रधानमंत्री का बयान कि बांग्लादेश जमात इ इस्लामी भारत के खिलाफ है और आईएसआई के साथ मिल कर काम करता है, बिलकुल बेबुनियाद है और प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता."
इस्लाम वे कहा कि उनकी पार्टी भारत के साथ बांग्लादेश के अच्छे संबंधों पर विश्वास रखती है और अपनी आजादी और स्वायत्तता कायम रखना चाहती है. बयान में यह भी लिखा गया है कि भारत की खुफिया एजेंसी ने सिंह को गलत जानकारी दे कर उन्हें गुमराह किया है.
रिपोर्टः पीटीआई/एमजी
संपादनः एस गौड़