मिस्र में गतिरोध जारी
९ फ़रवरी २०११मिस्र में सत्ता के खिलाफ जारी आंदोलन से हो रहे आर्थिक नुकसानों का हिसाब लगाया जा रहा है. देश में पिछले दो सप्ताह से चल रही अशांति थमने का नाम नहीं ले रही है. आंदोलन के 16वें दिन भी बुधवार को प्रदर्शनकारी काहिरा के तहरीर चौक पर जमे रहे और राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक पर तत्काल पद छोड़ने के लिए दबाव बनाने की कोशिश करते रहे.
काहिरा में ताजा घटनाक्रम में कई सरकारी कर्मचारी और यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपना वेतन बढ़ाए जाने और बेहतर सुविधाओं की मांग करते हुए सड़कों पर जमा हो गए.
मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में बड़ी रैली निकाली और उसके एक दिन बाद भी तहरीर चौक पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ रही. हालांकि रैली निकालने की कोई योजना नहीं थी. बहरीन से आए प्रदर्शनकारी कामरान मोहम्मद ने कहा, "हम लोग लगातार बढ़ रहे हैं और सरकार पर दबाव बढ़ा रहे हैं."
प्रदर्शनकारियों के मुताबिक अगली योजना रेडियो और टीवी के जरिए आंदोलन की आवाज दुनिया भर में पहुंचाने की है. इसके लिए शुक्रवार को एक बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है.
इस बीच सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि मंगलवार और बुधवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में एक प्रदर्शनकारी मारा गया, जबकि कई अन्य घायल हो गए.
उधर विपक्षी मुस्लिम ब्रदरहुड ने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा है कि बातचीत के रास्ते तभी खुल सकते हैं, जबकि हुस्नी मुबारक तत्काल अपनी कुर्सी छोड़ें.
अमेरिका और जर्मनी ने मिस्र में आपातकाल कानून को खत्म किए जाने की बात कही. बर्लिन में जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने मिस्र में आपातकाल कानून को तुरंत खत्म किए जाने और वहां राजनीतिक सुधारों की जरूरत पर जोर दिया.
रिपोर्टः एजेंसियां/एस खान
संपादनः ए कुमार