मिस्र में डटे हैं मुबारक विरोधी प्रदर्शनकारी
५ फ़रवरी २०११प्रदर्शनकारियों ने तब तक तहरीर स्क्वैयर से नहीं हटने की बात कही है जब तक होस्नी मुबारक इस्तीफा नहीं दे देते. उधर मिस्र में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान होस्नी मुबारक के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा में एक पत्रकार की मौत हो गई है.
अखबार अल-अहराम ने खबर दी है कि अल तावून अखबार के पत्रकार अहमद मोहम्मद महमूद ने चार दिन तक कोमा में रहने के बाद दम तोड़ दिया. उन्हें अपने घर की खिड़की से तहरीर चौक पर प्रदर्शनों की तस्वीरें लेने के दौरान गोली लगी थी.
न्यू यॉर्क में कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने कहा है कि पिछले एक हफ्ते में पत्रकारों और समाचार साधनों पर कम से एक 101 हमले हो चुके हैं. पिछले 24 घंटे में ही 10 से ज्यादा पत्रकारों पर हमले हुए हैं. सीपीजे के मुताबिक मिस्र में 25 जनवरी को भड़के विरोध प्रदर्शनों में मरने वाले महमूद पहले पत्रकार हैं.
इस बीच शुक्रवार को विशाल प्रदर्शन के साथ ही होस्नी मुबारक को विपक्ष की तरफ से पद छोड़ने के लिए दी गई समय सीमा भी खत्म हो गई. लेकिन मुबारक ने सत्ता छोड़ने से साफ इनकार कर दिया है. हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है.
शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि मिस्र में सत्ता परिवर्तन के लिए बातचीत शुरू हो चुकी है. यूरोपीय संघ ने भी कहा है कि मिस्र में बदलाव का वक्त आ गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीधे सीधे तो मुबारक को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा, लेकिन उन्होंने कहा कि मुबारक जब सितंबर में पद छोड़ने का मन बना ही चुके हैं तो उन्हें अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए.
ओबामा ने बहुत सावधानी से अपने शब्द चुनते हुए कहा, "उन्हें लोगों की आवाज सुनने की जरूरत है. उन्हें चाहिए कि एक ऐसा रास्ता बनाएं जो तर्कसंगत, अर्थपूर्ण और गंभीर हो. मैं मानता हूं कि मुबारक को अपने देश की फिक्र है. वह एक देशभक्त हैं." अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि राजनीतिक बदलाव के लिए कुछ बातचीत शुरू हो चुकी है और मिस्र के लोग इस पर काम कर रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा