मिस्र में मिलियन मार्च, मुबारक सत्ता छोड़ो के नारे
१ फ़रवरी २०११तहरीर स्कवेयर पर जमा होते लोगों में हर उम्र, हर व्यवसाय के लोग शामिल हुए. प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहने की रिपोर्टें मिली हैं. शिक्षकों, किसानों, बेरोजगार छात्रों, ऑफिस कर्मचारियों के साथ महिलाएं भी शामिल हुईं. राष्ट्रवादी गीत गाते और मुबारक के सत्ता छोड़ने के नारे लगाते लोग तहरीर स्कवेयर पर जमा होते गए.
सैन्य हेलीकॉप्टर विरोध प्रदर्शनों पर नजर रखे हुए थे. प्रदर्शन के आयोजकों का कहना है कि इस मार्च का उद्देश्य शुक्रवार तक राष्ट्रपति को सत्ता से बेदखल करना है. ऐसे ही मार्च मिस्र के पांच अन्य शहरों में हुए हैं. तहरीर स्कवेयर के पास सैनिकों ने चेक प्वाइंट बनाए थे लेकिन भीड़ को वहां जुटने से रोकने में वे नाकामयाब साबित हुए.
सेना ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह प्रदर्शनकारियों पर गोली नहीं चलाएगी. यह इस बात का संकेत है कि होस्नी मुबारक के लिए सत्ता तंत्र में समर्थन धीरे धीरे कम हो रहा है. एक छात्र ने कहा कि मुबारक का समय खत्म हो रहा है. उनका समय आ गया है. ट्यूनीशिया में बेन अली को जनांदोलन के बाद सत्ता से हटना पड़ा और अब यही स्थिति 82 साल के होस्नी मुबारक के लिए बन रही हैं.
होस्नी मुबारक की सत्ता पर आरोप है कि उनकी निरकुंश सत्ता में आम लोगों के लिए जीवन बेहद मुश्किल होता जा रहा है और गरीबी से मुकाबले के लिए शासक वर्ग गंभीर नहीं है. महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार की वजह से लोगों में घर कर गई हताशा अब आक्रोश के रूप में फूट रही है. मिस्र की जनसंख्या आठ करोड़ है लेकिन करीब 50 फीसदी जनता गरीबी रेखा से नीचे या फिर उससे थोड़ा ऊपर है.
लोगों ने होस्नी मुबारक के पुतले भी ले रखे थे जिन पर लिखा है कि हत्यारे राष्ट्रपति पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे लोगों का कहना है कि कुछ साल पहले तक मुबारक की सत्ता के खिलाफ वह आवाज भी नहीं उठा सकते थे लेकिन युवाओं ने साबित कर दिया है कि वह मुबारक के आदेश की अवहेलना कर सकते हैं.
कई लोगों इसीलिए युवाओं का साथ देने के लिए आए हैं क्योंकि उनके मुताबिक युवाओं ने अभूतपूर्व साहस का परिचय दिया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदर्शनों में मरने वाले लोगों की संख्या 97 है लेकिन यह मृतकों का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है.
प्रशासन ने काहिरा में सभी सड़कों और सार्वजनिक परिवहन को बंद किया हुआ है. ट्रेन सेवाएं भी रोकी गई हैं लेकिन फिर भी लोग तहरीर स्कवेयर तक पहुंचने में सफल हो गए. काहिरा जैसे ही प्रदर्शन अलेक्जेंड्रिया, मंसूरा, लक्सूर, स्वेज में हुए हैं.
काहिरा में बैंक, स्कूल और स्टॉक मार्केट बंद है जिससे लोगों को असुविधा भी हो रही है. खाने पीने की चीजों की या तो किल्लत महसूस हो रही है या फिर उनकी कीमतें अब बढ़ गई हैं. इंटरनेट सेवा लगातार पांचवे दिन ठप रही. काहिरा के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विदेशी नागरिक घर रवाना होने की तैयारी कर रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह