मिस्र: आर पार की लड़ाई को तैयार जनता
३१ जनवरी २०११काहिरा के तहरीर स्कवेयर पर जमा हुए लोगों ने बैनर ले रखे हैं. एक बैनर पर लिखा है, "सेना को मुबारक और मिस्र में से किसी एक को चुनना होगा." सरकार ने प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए सैनिक भेजे हैं लेकिन मुबारक के शासन का विरोध कर रही जनता सैनिकों के साथ खाना बांट रही है. गरीबी, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से त्रस्त जनता होस्नी मुबारक की 30 साल पुरानी सत्ता के खात्मे की मांग कर रहे हैं.
6 दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों में अब तक करीब 150 लोग मारे जा चुके हैं. लोग घरों में लौटने को तैयार नहीं हैं जबकि सेना उन पर दबाव नहीं डाल रही है. विश्लेषकों का मानना है कि अगर सेना लंबे समय तक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो होस्नी मुबारक पर पद से हटने का दबाव बढ़ता जाएगा.
राष्ट्रपति मुबारक ने जनता को शांत करने के लिए उपराष्ट्रपति और नए प्रधानमंत्री को नियुक्त किया है लेकिन यह जनता को संतुष्ट करने के लिए नाकाफी साबित हुआ है. मुबारक आर्थिक सुधारों का भी वादा कर रहे हैं लेकिन लोग भरोसा करने को तैयार नहीं दिख रहे.
प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को हड़ताल का आह्वान किया है और मंगलवार को मार्च बुलाया गया है. इसके जरिए लोकतंत्र की मांग को रखा जाएगा. जनता और सरकार के बीच जारी टकराव से मिस्र में तीन दशकों से चली आ रही मुबारक की सत्ता को खतरा पैदा हो गया है.
मिस्र को अरबों डॉलर की मदद देने वाला अमेरिका भी धीरे धीरे मुबारक से अलग होता नजर आ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने देश में व्यवस्थित तरीके से सत्ता में बदलाव का संदेश दिया है.
इसे मुबारक के लिए पद छोड़ने का संकेत माना जा रहा है. अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स न्यूज एजेंसी को बताया कि ओबामा टीम में यह भावना पनप रही है कि अब मुबारक का समय बीत चुका है लेकिन आगे क्या हो, इसका फैसला मिस्रवासियों को ही करना है.
होस्नी मुबारक एयरफोर्स चीफ रह चुके हैं और उन्होंने रविवार को सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक की. माना जा रहा है कि मुबारक का भविष्य सेना के हाथ में ही है. मिस्र के रक्षा मंत्री ने रविवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स से बात की है.
अमेरिकी सेना में ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ चेयरमैन एडमिरल माइक मलेन ने मिस्र की सेना की तारीफ की है क्योंकि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्ती बरतने से उसने परहेज किया है. मिस्र में प्रदर्शनों का नेतृत्व अब अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के पूर्व चेयरमैन मोहम्मद अल बारादेई कर रहे हैं.
मिस्र में विपक्षी दल अब मोहम्मद अल बारादेई से उम्मीद कर रहे हैं कि वह देश में राष्ट्रीय एकता सरकार का नेतृत्व और सेना के साथ संपर्क करें. अल बारादेई ने ओबामा से आग्रह किया है कि अब उन्हें मुबारक से बात करनी चाहिए. बारादेई के मुताबिक ऐसा नहीं होना चाहिए कि यह कहने वाले ओबामा आखिरी व्यक्ति हों कि मुबारक, अब आपके शासन का समय का पूरा हो चुका है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एमजी