'मैं अपनी ही मूर्खता का मारा'
३ नवम्बर २०११आमिर टेस्ट मैचों में 50 विकेट लेने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने लेकिन स्पॉट फिक्सिंग के मामले ने उनके करियर पर बड़ा दाग लगा दिया. आमिर कहते हैं कि उन्होंने दुनिया का सबसे अच्छे क्रिकेटर बनने का सपना देखा था लेकिन वह अब नहीं जानते कि क्या इस खेल में उन्हें फिर से जगह मिल सकेगी. गुरुवार को लंदन के साउथरैक क्राउन कोर्ट में उन पर फैसला सुनाया जाना है. जज जेरेमी कूक ने आमिर के उस बयान को खारिज किया है जिसमें उन्होंने कहा कि वह अकेले स्पॉट फिक्सिंग में शामिल थे. जज का कहना था कि पाकिस्तान से संदिग्ध लोगों के आए टेक्स्ट मैसेज दिखाते हैं कि वह ओवल में हुए मैच के दौरान भी फिक्सिंग में लिप्त थे.
देर से माफी
आमिर ने माना है कि उन्होंने नो बॉल के लिए अगस्त 2010 में पैसे लिए थे. उन्होंने कोर्ट में अपने लिखित बयान में कहा, "मैं पाकिस्तान और उन सब लोगों से माफी मांगना चाहता हूं जिनके लिए क्रिकेट महत्वपूर्ण है. मैं जानता हूं कि इस कारण खेल को कितना नुकसान हुआ है. एक ऐसा खेल जिसे मैं दुनिया में सबसे ज्यादा चाहता हूं."
आमिर ने कहा कि उनके जीवन का सबसे अच्छा दिन वह था जब वे पहली बार पाकिस्तान के लिए खेले. उन्होंने कहा कि कई महीने पहले ही उन्होंने नो बॉल करने का फैसला कर लिया था. "मैं जानता हूं कि बहुत देर हो गई है लेकिन मैं माफी मांगना चाहता हूं कि मैंने पहले नहीं बताया. मुझमें हिम्मत नहीं थी. और मैं जानता हूं कि इस कारण हालात मुश्किल हो गए हैं. मैं ऐसी स्थिति में चला गया कि मुझे ही कुछ समझ में नहीं आ रहा है. मैंने घबरा कर गलत काम किया. मैं किसी और को इसके लिए दोष नहीं देना चाहता. मुझे पैसे भी नहीं चाहिए. मैंने नो बॉल पैसे के लिए नहीं किए. मैं फंस गया और आखिरकार यह मेरी मूर्खता के कारण ही हुआ. पिछला साल बहुत मुश्किल रहा और यह दिन भी. लेकिन मुझे अब चिंता नहीं है क्योंकि मैंने अपना जुर्म मान लिया है. मुझे नहीं पता कि मेरा भविष्य कैसा है लेकिन मुझे बहुत कड़ी सीख मिली है. अदालत जो फैसला देगी वह मुझे मंजूर है. मैं मानता हूं कि मैंने गलत काम किया है और मैं उन परिस्थितियों में दूसरा फैसला ले सकता था और मुझे लेना चाहिए था."
मजीद का बयान
इससे पहले एजेंट मजहर मजीद ने स्पॉट फिक्सिंग का जुर्म कबूल करते हुए कहा कि पूर्व कप्तान सलमान बट के साथ एक चौथा पाकिस्तानी क्रिकेटर भी फिक्सिंग में शामिल था. 27 साल के सलमान बट, 28 साल के मोहम्मद आसिफ को मंगलवार को अगस्त 2010 में स्पॉट फिक्सिंग के लिए पैसे लेने का दोषी पाया गया. बट और आसिफ को सात साल की जेल या कड़े जुर्माने की सजा मिलेगी.
मजीद ने अदालत को बताया कि उन्हें न्यूज ऑफ द वर्ल्ड अखबार से जो डेढ़ लाख पाउंड मिले थे उनमें से उन्होंने 65 हजार आसिफ को, 10 हजार बट को और ढाई हजार आमिर को दिए. अदालत में बताया गया कि आसिफ को इमानदार रहने के लिए और दूसरे फिक्सर्स के पास जाने से रोकने के लिए इतनी बड़ी रकम दी गई थी.
सिस्टम खराब
पाकिस्तान के कप्तान रहे रशीद लतीफ ने पहली बार 1995 में फिक्सिंग की ओर इशारा किया था. उन्होंने कहा, "बट, आसिफ और आमिर के साथ जो हुआ उसके बाद हमें नई पीढ़ी को इससे बचा कर रखने की सख्त जरूरत है. हमने पहले जरूरी कदम नहीं उठाए और इसके परिणाम हम आज भुगत रहे हैं." लतीफ कहते हैं कि स्थानीय स्तर पर खेल में पैसा लगाने की बहुत जरूरत है. "स्थानीय खिलाड़ियों में बहुत असंतोष है क्योंकि वे अपने कमाए पैसे से न तो घर खरीद सकते हैं और न ही कार. जब तक हम देश के क्रिकेट के लिए लाखों रुपये निवेश नहीं करेंगे, तब कर स्थिति नहीं सुधर सकती."
एक अन्य पूर्व कप्तान आमिर सुहैल का मानना है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को इस मुद्दे पर कदम उठाने जरूरी हैं. "ऐसा ही होता है जब आप भ्रष्टाचार के खिलाफ जरूरी कदम समय से नहीं उठाते." अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के पूर्व अध्यक्ष एहसान मणी कहते हैं, "यह पीसीबी के लिए कड़ा संदेश है कि वे खिलाड़ियों के लिए प्रभावी भ्रष्टाचार विरोधी कार्यक्रम चलाएं. उम्मीद है कि वह इस घटना से सबक लेंगे और खिलाड़ियों के भविष्य को सुरक्षित करेंगे."
रिपोर्टः एएफपी, रॉयटर्स/आभा एम
संपादनः ए कुमार