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आखिर तक खुद को पाक साफ बताते बट

२० अक्टूबर २०११

मैच फिक्सिंग के आरोपों में फंसे पाकिस्तान क्रिकेट के पूर्व कप्तान सलमान बट सुनवाई के दौरान आखिर तक खुद को बेकसूर बताते रहे. हालांकि तीन दिनों के तनावपूर्ण जिरह में कई मौके आए, जब वह जवाब नहीं दे पाए और मामला गर्म हो गया.

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तस्वीर: AP

सरकारी वकील आफताब जाफरजी ने दावा किया कि बुधवार की सुनवाई के दौरान बट का "चोर पकड़ा गया." लेकिन खुद बट का कहना है कि वह इस पूरे मामले में बेकसूर हैं और उन्होंने कभी भी इलजाम नहीं माना है.

बट और पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ पर आरोप है कि उन्होंने धोखाधड़ी और साजिश करके गलत तरीके से स्पॉट फिक्सिंग की और इससे पैसा कमाया. उन पर खेल एजेंट मजहर मजीद के साथ मिल कर षड्यंत्र रचने के आरोप हैं. इस मामले में किशोर बॉलर मोहम्मद आमिर भी फंसे हैं. बट और आसिफ को एक बार फिर अदालत में अपनी सफाई देनी है, जबकि अदालत पूरे प्रकरण में सिर्फ नो बॉल कांड पर ही फैसला सुना सकती है, जिसके प्रमाण होने के दावे किए गए हैं.

बुधवार को अदालत में मामले की गहराई पर चर्चा हुई कि किस तरह पिछले साल लॉर्ड्स टेस्ट शुरू होने से पहले वाली रात को मजीद और बट के बीच फोन या एसएमएस के जरिए 20 बार संपर्क हुआ और उसी रात आमिर और मजीद के बीच इस तरह के 25 संपर्क हुए. उस रात की बातचीत को सबसे अहम माना जा रहा है और आंकड़ों से पता चला है कि टीम के तीनों सदस्यों आमिर, आसिफ और बट ने एक होटल में होते हुए भी चार बार आपस में फोन से संपर्क किया.

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वकील की दलील

इन सबूतों के आधार पर जाफरजी ने बट से सीधा सवाल किया, "सुबह होते ही लॉर्ड्स की फिक्सिंग तय हो गई थी मिस्टर बट. आप इस बात को जानते हैं. है कि नहीं." जब बट ने इस बात से इनकार किया, तो जाफरजी ने व्यंग्य कसते हुए कहा, "या यह सब आपके पीठ पीछे चल रहा था." जवाब में बट ने कहा, "जी हां."

बट को और असहज करते हुए सरकारी वकील ने कहा, "मिस्टर बट, आप तीनों ही मिल कर तो नो बॉल फेंकने की साजिश रच रहे थे. आप ही तो कह रहे थे कि क्या करना है." इसके जवाब में भी बट ने किसी तरह कहा, "मैं इसका हिस्सा नहीं रहा हूं."

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स्टिंग ऑपरेशन

फिक्सिंग कांड का खुलासा उस वक्त के ब्रिटिश अखबार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड ने किया था, जो अब बंद हो चुका है. अखबार के रिपोर्टर ने स्टिंग ऑपरेशन करके मजहर मजीद के साथ नो बॉल की डील की और तय ओवरों की तय गेंदों पर ही नो बॉल फेंके गए.

सरकारी वकील ने उल्लेख किया कि किस तरह मजहर मजीद ने खोजी पत्रकार को तीसरा नो बॉल होने से ठीक पहले एसएमएस भेजा कि देखो, तुम्हारा काम हो रहा है. आमिर की शानदार गेंदबाजी की मदद से इंग्लैंड के पांव उखड़ चुके थे और उसका स्कोर पांच विकेट पर 47 रन हो चुका था. मजीद ने पत्रकार को टेक्स्ट भेजा कि हो सकता है कि बट इस बार आमिर को नो बॉल फेंकने से मना कर दे क्योंकि वह शानदार फॉर्म में है और इससे शक पैदा हो सकता है.

असहज होते बट

जाफरजी ने कड़े लहजे में दलील दी, "वह (मजीद) आपके बारे में बात कर रहा था मिस्टर बट क्योंकि आप ही खिलाड़ियों पर नियंत्रण कर रहे थे, खास कर टीम के सबसे छोटे उम्र के खिलाड़ी पर. मैं प्रभावशाली बॉलर आमिर की बात कर रहा हूं मिस्टर बट. और आप पकड़े गए."

बट से एक दूसरे मामले में भी पूछताछ की गई. ओवल टेस्ट के दौरान मजीद और बट के बीच एसएमएस भेजे गए, जिसके तहत बट को एक ओवर मेडन खेलना था. हालांकि उन्होंने ऐसा नहीं किया. वकील ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर बट ने मजीद को ऐसा करने की छूट ही कैसे दी.

जाफरजी ने सपाट तरीके से कहा, "आप इस जूरी के सामने झूठ बोल रहे हैं मिस्टर बट. नहीं बोल रहे क्या." बट ने कहा, "जी नहीं. मैं झूठ नहीं बोल रहा." अदालत में पाकिस्तान के पूर्व स्पिनर अब्दुल कादिर और कोच जेफ लॉसन के बयान भी दर्ज होंगे, जिसके बाद मोहम्मद आसिफ को अपनी बात रखनी है.

सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर पर पिछले साल लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के तहत तय वक्तों पर नो बॉल फेंकने के आरोप हैं, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल ने उन्हें लंबी सजा दी है. इसी वजह से ये तीनों इस साल के वर्ल्ड कप में भी नहीं खेल पाए, जिसमें पाकिस्तान भारत के हाथों सेमीफाइनल में हार गया.

रिपोर्टः एपी/ए जमाल

संपादनः महेश झा

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