मोदी केर्न्स फिक्सिंग में फैसले का इंतजार
१५ मार्च २०१२मोदी के एक ट्वीट के बाद केर्न्स ने उन पर मुकदमा कर दिया है, जिसकी सुनवाई लंदन हाई कोर्ट में चल रही है. मोदी ने 2010 में ट्विटर पर लिखा कि आईसीएल की टीम चंडीगढ़ लायंस के कप्तान रहे केर्न्स मैच फिक्सिंग में शामिल थे. मीडिया में खबरें आने के बाद केर्न्स ने इसे चुनौती दी और मोदी के खिलाफ मुकदमा ठोक दिया.
हालांकि बाद में केर्न्स बुरी तरह घिरते नजर आए और टीम के तीन खिलाड़ियों ने भी उनके खिलाफ गवाही दी. चंडीगढ़ लायंस के कोच रहे भारत के पूर्व गेंदबाज बलविंदर सिंह संधू ने भी हाल में एक इंटरव्यू में केर्न्स के खिलाफ कहा. हालांकि अदालत ने संधू के बयान को सुनवाई में शामिल नहीं किया. मोदी की तरह से मामला पूरा करते हुए उनके वकील रोनाल्ड थ्वाटिस ने दावा किया कि अब तक की सुनवाई में यह बात लगभग साबित हो चुकी है कि केर्न्स भ्रष्टाचार में लिप्त रहे.
इस मामले में आईसीएल की टीम में शामिल तीन खिलाड़ियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से केर्न्स के खिलाफ गवाही दी. इस बीच ट्वेन्टी 20 लीग आईसीएल के भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के हावर्ड बीयर ने संधू से बात की थी. शुरू में संधू ने कहा था कि वह मैच फिक्सिंग के मामले में कोई गवाही नहीं देंगे लेकिन हाल ही में भारतीय टेलीविजन पर उनका इंटरव्यू चला, जिसमें उन्होंने केर्न्स के खिलाफ बातें कहीं. मोदी उनके बयानों को भी सुनवाई में शामिल करना चाहते थे, जो नहीं हो सका.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के 20-20 क्रिकेट लीग आईपीएल से पहले भारत में आईसीएल की शुरुआत हुई थी. उसमें भारी पैसे को देखते हुए कई विदेशी खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. लेकिन बीसीसीआई ने उस पर पाबंदी लगा दी और कहा कि जो भी खिलाड़ी उसमें खेलेगा, उसे राष्ट्रीय टीम से हटना होगा. इसके बाद धीरे धीरे आईसीएल ने दम तोड़ दिया.
मोदी के वकील ने अदालत में कहा कि गवाहियों के बाद कभी दुनिया के शानदार क्रिकेटर समझे जाने वाले केर्न्स का पतन हो जाएगा. उन्होंने खास तौर पर एक खिलाड़ी गौरव गुप्ता का जिक्र किया, जिसने गवाही में दावा किया है कि केर्न्स ने उसे एक पारी में जान बूझ कर पांच रन से कम बनाने को कहा.
संधू के टीम से हटने के बाद चंडीगढ़ लायंस की कमान एक तरह से केर्न्स के पास ही आ गई थी लेकिन उन्हें आरोपों में घिरता देख टीम से हटा दिया गया था. इसी दौरान केर्न्स के दुबई के बैंक में अचानक ढेर सारे पैसे जमा हो गए, जिस पर सवाल उठने लगे.
मामले की सुनवाई लगभग पूरी हो चुकी है. एक दो जिरह और हो सकती है, जिसके बाद जज को फैसला सुनाने में कुछ हफ्तों का वक्त लग सकता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः आभा एम