यह है यूरोप की ड्रीम फुटबॉल टीम
२ जुलाई २०१२यूरोपीय फुटबॉल संघ की तरफ से यूरो 2012 के बाद बनाई गई ड्रीम टीम में नौ खिलाड़ी स्पेन के हैं. हैरानी की बात है कि यूएफा ने फ्रांस के किसी खिलाड़ी को यूरो 2012 की टीम में शामिल नहीं किया. टीम इस प्रकार है.
गोलकीपर: गिआनलुइगी बुफोन (इटली), इकर कासियास (स्पेन), मानुएल नॉयर (जर्मनी).
डिफेंडर: गेराड पिके (स्पेन), फाबियो कोएंत्राओ (पुर्तगाल), फिलिप लाम (जर्मनी), पेपे (पुर्तगाल), सेरगिओ रामोस (स्पेन), खोसे अल्बा (स्पेन).
मिडफील्डर: डेनिएले डे रोसी (इटली), स्टीवन जिरार्ड (इंग्लैंड), खावी (स्पेन), आंद्रेस इनिएस्ता (स्पेन), सामी केदीरा (जर्मनी), मेसुत ओएजिल (जर्मनी), सेरगिओ बुस्केट्स (स्पेन), आंद्रेआ पिर्लो (इटली), खाबी आलोंसो (स्पेन).
फॉरवर्ड: मारिओ बालोटेली (इटली), सेस फाब्रेगास (स्पेन), क्रिस्टियानो रोनाल्डो (पुर्तगाल), स्लाटान इब्राहिमोविच (स्वीडन), डेविड सिल्वा (स्पेन).
जर्मन टीम के स्ट्राइकर मारिओ गोमेज और इंग्लैंड के स्टार वेन रूनी को जगह न देकर यूएएफा ने बता दिया है कि फिलहाल ये दोनों खिलाड़ी हौव्वे के अलावा कुछ नहीं हैं. फ्रांस के विंगर फ्रांक रिबेरी को भी यूएएफा ने अपनी लिस्ट से बाहर रखा है.
यूएएफा के मुताबिक यूरो 2012 में सबसे बढ़िया खेल 28 साल के इनिएस्ता ने दिखाया. फाइनल में स्पेन ने इटली को 4-0 से रौंदा. मैच में इनिस्ता भले ही कोई गोल न कर सके लेकिन उनके सटीक पासों के बिना स्पेन के लिए यह नतीजा संभव भी नहीं था. टूर्नामेंट में सिर्फ एक गोल करने के बावजूद यूएएफा ने माना कि बार्सिलोना क्लब के इनिएस्ता ने बहुत बढ़िया मूव बनाए. इनिएस्ता ने इटली के पिर्लो और अपनी टीम के खावी को पीछे छोड़ यह पुरस्कार जीता. इनिएस्ता ने ही 2010 के वर्ल्ड कप फाइनल में एक गोल कर नीदरलैंड्स के खिलाफ स्पेन को जिताया.
गोल्डन बूट
स्पेन के ही फर्नांडो तोर्रेस को गोल्डन बूट से नवाजा गया. गोल्डन बूट उस खिलाड़ी को दिया जाता है जो टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल करता है. तोर्रेस ने यूरो 2012 में चार गोल किए. रोनाल्डो, गोमेज और बालोटेली जैसे खिलाड़ी तीन-तीन गोल के साथ उनके पीछे रहे.
सर्वश्रेष्ठ कोच
वहीं स्पेन की जीत के बाद एक बार फिर यह बहस शुरू हो गई है कि फुटबॉल जगत का सबसे बड़ा कोच कौन है. स्पेन के कोच विंसेंते देल बोस्के को इस सूची में सबसे ऊपर रखा जा रहा है. बोस्के फुटबॉल जगत के पहले ऐसे कोच हैं जिन्होंने अपनी टीम को चैंपियंस लीग, यूरोपियन चैंपियशिप और वर्ल्ड कप जिताया है. वह 1999 से 2003 तक रियाल मैड्रिड के कोच रह चुके हैं. रियाल मैड्रिड को नया चेहरा देने के श्रेय उन्हें ही दिया जाता है.
मैड्रिड के खेल अखबार एएस के मुताबिक बॉस्क 'सर्वकालीन महान कोचों में से एक हैं.' वह खेल की रणनीति बनाने और बदलने में माहिर होने के अलावा खिलाड़ियों को प्रेरित करना भी जानते हैं. यूरोप के अन्य अखबारों ने भी बोस्के की तारीफ की है. मीडिया के मुताबिक बोस्के कभी खिलाड़ियों को मिल रही प्रसिद्धी को चुराने की कोशिश भी नहीं करते हैं. रविवार को यूरो 2012 जीतने के बाद भी बोस्के पर्दे के पीछे रहे. उन्होंने कप्तान कासियास और खिलाड़ियों को ही मीडिया से दो-चार होने के लिए भेजा.
रिपोर्ट: ओएसजे/एमजी (एएफपी, रॉयटर्स)