युद्ध के बुरे सपनों से उबरने में सर्फिंग की मदद
२० मई २०११मैथ्यू डोएल युद्ध से लौटे एक सिपाही हैं, जो सर्फ थेरेपी में हिस्सा ले रहे हैं. थेरेपी के बारे में वह बताते हैं, "मैं जैसे ही पानी में उतरा, मुझे इससे प्यार हो गया. मैं जब इराक से लौटा तो मेरी किसी भी चीज में रुचि नहीं बची थी. इतना समय दूर रहने के कारण सभी दोस्त भी दूर हो गए थे. और बाहर जाने की भी मेरी पास कोई वजह नहीं होती थी. लेकिन अब मैं बस हर रोज सर्फ करना चाहता हूं."
निजी अनुभवों से मिली प्रेरणा
मैथ्यू डोएल को थेरेपिस्ट कार्ला रॉजर्स ने सर्फिंग के बारे में बताया. कार्ला रॉजर्स लॉस एंजेलिस के पास मैनहटन बीच पर सर्फिंग के जरिये थेरेपी कराती हैं. उनका मानना है कि सर्फिंग करने से युद्ध के भयानक अनुभवों को भुलाने में मदद मिलती है. इससे युद्ध से लौटे सैनिकों को एक बार फिर साधारण जीवन जीने का मौका मिलता है. रॉजर्स के अनुसार वह अब तक कम से कम 400 सैनिकों पर इस थेरेपी को आजमा चुकी हैं. रॉजर्स ने चार साल पहले ही जिमी मिलर फाउंडेशन के साथ मिल कर इस तरह की थेरेपी शुरू की.
रॉजर्स 18 साल की थीं जब 1994 में उनकी मां का देहांत हो गया. उस समय वह लाइफगार्ड के रूप में काम कर रही थीं. वह बताती हैं कि सर्फिंग ने उन्हें मां के गुजरने के सदमे से उभरने में मदद की. उसके बाद ही उन्हें यह ख्याल आया कि इस तरह से औरों की भी मदद कर सकती हैं, "मेरा सपना था कि मैं समुद्र की लहरों से लोगों का इलाज कर सकूं." ग्रैजुएट होने पर उन्होंने बच्चों के लिए एक सर्फ थेरेपी बनाई.
सैनिकों में सुधार
इस थेरेपी का इस्तेमाल उन्होंने पहली बार 2005 में शुरू किया, जब एक दोस्त जिमी मिलर की एक मानसिक रोग के कारण जान चली गई. जिमी मिलर के भाई के साथ मिल कर रॉजर्स ने जिमी मिलर फाउंडेशन तैयार किया और मानसिक रोग से पीड़ित बच्चों का इलाज करना शुरू किया. बाद में संस्था ने इसी थेरेपी को अफगानिस्तान और इराक से लौटे सैनिकों के लिए इस्तेमाल करने का फैसला किया.
रॉजर्स बताती हैं कि शुरुआत में उन्हें इस पर पूरा भरोसा नहीं था. वह कहती हैं, "उस समय मेरे पास सैनिकों के साथ काम करने का कोई अनुभव नहीं था. मुझे लगा कि मैं यह नहीं कर सकती." लेकिन सैनिकों में सुधार देख कर उन में आत्मविश्वास जागा, "केवल एक दिन सर्फिंग करने के बाद ही वे लोग हंस रहे थे, एक दूसरे के साथ घुल मिल कर इसका मजा ले रहे थे." थेरेपी का फायदा उठा रहे मैथ्यू डोएल भी बताते हैं कि अब आखिरकार वह चैन की नींद सो पाते हैं.
रिपोर्ट: रॉयटर्स/ईशा भाटिया
संपादन: वी कुमार