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यूरोपीय शादियों की अजब गजब कहानी

१ सितम्बर २०१०

भारत में कदम दर कदम बोली और रीति रिवाज में बदलाव की कहावत प्रचलित है. यूरोप में यही बात शादी की परंपराओं पर सटीक बैठती है. यूरोपीय देशों में शादी की अंगूठी, ड्रेस और सेज सजाने तक के तरीकों में जमीन आसमान का फर्क है.

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तस्वीर: dpa

शादी के मामले में यूरोप में जितने देश उतनी ही परंपराएं. कहीं शादी अंगूठी किस अंगुली में पहनाए जाए इसे लेकर भिन्नता है तो कहीं वेशभूषा और यहां तक कि सेज सजाने के तरीके भी अलग अलग देखने को मिल जाएंगे. शादी का जश्न उबाऊ न हो इसके लिए टोटके भी खासे प्रचलित हैं.

शुरूआत ब्रिटेन से करते हैं. यहां शादी की अंगूठी बांए हाथ की चौथी अंगुली में पहनाने का रिवाज है. इसका कारण बताया जाता है कि बांया हाथ दिल के करीब होता है. इसके अलावा अधिकांश ब्रिटिश लोगों के लिए यह इतनी महत्वपूर्ण होती है कि वे कतई नहीं चाहते कि इस पर खरोंच तक आए.

वहीं पूर्वी देशों लातविया से ग्रीस तक अंगूठी को दांए हाथ में पहनाया जाता है. यहां के लोग इसे नैतिकता और धर्म से जोड़कर देखते हैं. हालांकि इस रिवाज से परिचितों को सड़क से लेकर नाइट क्लब तक कहीं भी अपने लिए गैरशादीशुदा साथी की तलाश में आसानी भी हो जाती है.

अंगूठी तो शुरूआत मात्र है, समूचे यूरोप में शादी से जुड़े तमाम रीति रिवाज देखने को मिल जाएंगे. मसलन डेनमार्क में एक बड़ा ही मजेदार रिवाज है. शादी से पहले ब्रेकफास्ट खत्म होते ही दूल्हे के दोस्त उसे पकड़ कर पहले उसके जूते उतारते हैं और फिर उसके मोजे के किनारे काट देते हैं. इसके पीछे छुपी मान्यता और भी ज्यादा मजेदार है. इनका मानना है कि ऐसा करने से शादी के बाद पति पत्नी को सोते हुए छोड़कर कहीं और रात बिताने नहीं जा सकता.

इसी तरह ग्रीस में शादी की सेज वधू पक्ष को सजानी होती है और इस पर फूलों की पत्तियां, मिठाई और पैसे भी रखे जाते हैं. इनकी मान्यता है कि ऐसा करने से वर वधू के जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है. इतना ही नहीं शादी की सेज पर छोटे बच्चे को थोड़ी देर के लिए लिटाया जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से नवदंपत्ति वंशवृद्धि के लिए प्रेरित होते हैं.

रूस में शादी के बाद पति को पत्नी के साथ आसपास के सात पुलों से होकर गुजरना होता है. इसे जीवन की सात अवस्थाओं का प्रतीक मानते हुए उम्मीद की जाती है कि दोनों एक दूसरे का साथ देकर इसे पार करते हैं. रूस में शादी से जुड़ा एक और रिवाज है. शादी के बाद नवदंपत्ति को किसी पुल पर जाकर उसके किसी खंभे से एक जंजीर को ताले से बांधना होता है और इसकी चाभी पानी में फेंकनी होती है. इसे एक दूसरे के प्रति विश्वास के अटूट होने का प्रतीक माना जाता है.

लातविया में दूल्हा दुलहन को एक कटोरा थमाया जाता है. जिसमें सेम के बीजों के नीचे छुपाकर सिक्के रखे जाते हैं. दोनों को बारी बारी से कटोरे से सिक्के निकालने होते हैं. जिसके हाथ में ज्यादा सिक्के आते हैं उसी के हाथ में घर को चलाने की जिम्मेदारी होती है. स्पेन में भी इस मामले में पीछे नहीं है. यहां मान्यता है कि शादी का केक काटते समय अगर किसी के हाथ से छूट कर गिर जाए तो समझो उसकी जिंदगी भर शादी हो ही नहीं सकती.

इस सबके बावजूद शादी की अंगूठी गलत अंगुली में पहनाए जाने की वजह से दूल्हा या दुलहन के लिए जीवन के इस सबसे अहम दिन असहज स्थिति पैदा हो जाना भी आम बात है. क्योंकि दोनों के देशों में यह परंपरा भिन्न हो सकती है.

रिपोर्टः डीपीए निर्मल

संपादनः उभ

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