लंदन बम धमाकों के पीड़ितों के भी फोन हैक
६ जुलाई २०११इस बीच लंदन में 2005 में हुए बम धमाकों में मारे गए लोगों के रिश्तेदारों का कहना है कि इस अखबार को शायद उनके वॉयसमेल्स की खबर भी थी. ग्रैहम फुक्स का बेटा भी इन हमलों में मारा गया था. उन्होंने बीबीसी रेडियो से बातचीत में बुधवार को बताया कि पुलिस ने उससे संपर्क किया क्योंकि पुलिस को उनके फोन हैकिंग वाली लिस्ट में मिले. उन्होंने बताया कि 2005 के धमाकों के कुछ दिन बाद तक उनके परिवार को डेविड के बारे में कोई खबर नहीं थी.
न्यूज ऑफ द वर्ल्ड अखबार के बारे में कहा गया है कि उसने उस बच्ची के फोन भी हैक किए जिसकी बाद में हत्या कर दी गई थी.
फुक्स ने कहा कि उन हमलों के बाद उनके परिवार को कई दिनों तक डेविड की खबर नहीं मिली. फुक्स ने कहा, "हम लगातार फोन का इस्तेमाल कर रहे थे, पूछ रहे थे कि वह कहां है और कुछ बहुत ही निजी संदेश भी छोड़े. यह विचार की काफी चौंका देने वाला है कि लोग इन संदेशों को सुन रहे थे."
ब्रिटिश अखबार गार्डियन के मुताबिक पुलिस अब अपना ध्यान उन सारे मामलों पर लगा रही हैं जिसमें 2001 से लेकर बच्चों को अगवा किया गया है और उन्हें मार दिया गया है.
बुधवार को संसद में बहस के लिए तीन घंटे तय किए गए हैं. माना जा रहा है कि बहस के बाद ब्रिटेन के नेता अखबार को पूरी तरह बॉयकॉट करने का फैसला कर सकते हैं. मामले ने प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को भी मुश्किल में डाल दिया है.
कैमरन के संपर्क निदेशक एंडी कूलसन न्यूज ऑफ दे वर्ल्ड में संपादक रह चुके हैं. अखबार की एक और पूर्व कर्मचारी रेबेका ब्रुक्स और उनके पति कैमरन के अच्छे दोस्त माने जाते हैं. ब्रुक की कंपनी न्यज इंटरनेशनल, रूपर्ट मर्डोक की एंपायर न्यू कार्प का हिस्सा है.
ब्रुक्स पर भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है. फोर्ड जैसी कंपनियों ने इस बीच न्यूज ऑफ द वर्ल्ड से अपने विज्ञापन वापस लेने का फैसला किया है. रूपर्ट मर्डोक अब ब्रिटेन के ब्रॉडकास्टर बीस्काईबी को खरीदने की कोशिश में हैं. मर्डोक मीडिया में दुनिया के सबसे अहम हस्तियों में शामिल हैं, लेकिन इस घोटाले से जाहिर है कि उनकी छवि औऱ उनकी कंपनी पर असर पड़ेगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः आभा एम