लोकपाल बिल पर आज सर्वदलीय बैठक
३ जुलाई २०११रविवार को बैठक में केंद्र सरकार अन्य दलों के सामने सिविल सोसाइटी की ओर से तैयार लोकपाल बिल का मसौदा और सरकार के नुमाइंदों के मसौदे रखेगी. सिविल सोसाइटी सदस्यों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत के बाद सहमति न बन पाने की वजह से दो मसौदे रखने का फैसला लिया गया है. लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री पद, उच्च न्यायपालिका, संसद में सांसदों को व्यवहार और सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा को लाने सहित कुछ अन्य मुद्दों पर मतभेद हैं.
लोकपाल बिल पर बीजेपी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. शनिवार को जेडी(यू), अकाली दल और शिव सेना ने मुलाकात कर सर्वदलीय बैठक के लिए अपनी रणनीति तैयार की. एनडीए नेताओं की बैठक के बाद बीजेपी नेतृत्व ने संकेत दिया कि कैबिनेट की ओर से तैयार हुए ड्राफ्ट पर ही वह अपनी राय व्यक्त करेगी. जेडी(यू) और अकाली दल बैठक में हिस्सा लेने के लिए तैयार थे लेकिन बीजेपी इस बारे में आखिरी समय तक राय बनाती रही.
शनिवार को उसने बैठक में हिस्सा लेने का फैसला किया, लेकिन शिव सेना ने अन्ना हजारे के साथ मतभेदों की वजह से मीटिंग में नहीं आने का निर्णय किया है. बीजेपी भी सिविल सोसाइटी की कुछ मांगों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है क्योंकि यह कथित रूप से संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ जाता है. वाम दलों का रुख स्पष्ट करते हुए सीपीएम महासचिव प्रकाश करात ने कहा है कि वह बैठक में आएंगे. सरकार पर पीछे हटने का आरोप लगाते हुए करात ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को लोकपाल बिल में शामिल किया जाना चाहिए.
इससे पहले लोकपाल बिल के समर्थन में मुहिम चलाते हुए अन्ना हजारे और उनके सहयोगी कांग्रेस सहित कई अन्य दलों से मिले हैं. शनिवार को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. अन्ना हजारे ने कहा कि सही मसौदा ही संसद में रखा जाना चाहिए और अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह 16 अगस्त से अनशन के लिए तैयार हैं. सोनिया गांधी ने कहा है कि वह सरकार तक उनकी बात को पहुंचा देंगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एमजी