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वर्ल्ड कप और वनडे का भविष्य

८ फ़रवरी २०११

आने वाले 49 मैच वनडे क्रिकेट का भविष्य तय कर देंगे. ट्वेन्टी 20 की लोकप्रियता के बाद एकरोजा क्रिकेट पर सवाल उठते रहे हैं लेकिन वर्ल्ड कप की बेचैनी को देख कर लगता नहीं है कि क्रिकेट का यह फॉर्म खत्म हो रहा है.

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टी20 से वनडे को खतरातस्वीर: AP

आईसीसी को इस बात की खुशी है कि वर्ल्ड कप भारतीय उप महाद्वीप में हो रहा है, जो क्रिकेट की सबसे पसंदीदा जगह है. 15 साल बाद भारत में क्रिकेट का महाकुंभ लग रहा है. पिछली बार वेस्ट इंडीज में हुआ वर्ल्ड कप बेहद बोरिंग और निराशाजनक तरीके से अंजाम पर पहुंचा. उसके बाद ट्वेन्टी 20 के तीन वर्ल्ड कप ने वनडे पर और सवाल उठा दिए लेकिन अचानक क्रिकेट बाजार में इसकी रौनक लौट आई है.

आईसीसी के चीफ एक्जक्यूटिव हारून लोर्गाट का कहना है, "मुझे लगता है कि उप महाद्वीप में वर्ल्ड कप के आयोजन से आधी जंग तो हम जीत ही चुके हैं. मुझे लगता है कि हमें वेस्ट इंडीज जैसी चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ेगा."

लोर्गाट को नहीं लगता कि 50 ओवर का वनडे क्रिकेट खत्म हो रहा है. उनका कहना है, "वनडे क्रिकेट को लेकर जो लोगों में डर था, उसकी कोई वजह नहीं दिख रही है. अभी भी यह काफी लोगों को आकर्षित कर रहा है."

Flash-Galerie Cricket Weltmeisterschaft 2011
तस्वीर: AP

लेकिन क्रिकेट के कुछ जानकारों का कहना है कि अभी से यह सब कहना ठीक नहीं. क्रिकेट इतिहासकार बोरिया मजूमदार कहते हैं, "यह वर्ल्ड कप इस बात को तय कर देगा कि वनडे क्रिकेट रहेगा या नहीं. अगर यह कामयाब रहा, तो इसमें नई जान आ जाएगी. हालांकि इसके लिए भारत जैसे मेजबान देशों की वर्ल्ड कप में कामयाबी भी जरूरी है. और अगर यह नाकाम रहा तो वनडे क्रिकेट अपनी आखिरी सांसें ले सकता है."

लगभग 45 दिनों तक चलने वाला वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप 19 फरवरी 2011 को शुरू हो रहा है और दो अप्रैल को मुंबई में इसका फाइनल मुकाबला खेला जाना है. मजूमदार का कहना है, "जिन्दगी में ठहराव आ जाएगा. खास तौर पर भारत में वर्ल्ड कप को लेकर अद्भुत उत्साह होगा, जहां क्रिकेट के प्रति लोगों की दीवानगी है."

न सिर्फ भारत, बल्कि पड़ोसी मुल्कों श्रीलंका और बांग्लादेश में भी क्रिकेट को लेकर जुनून का आलम है. वर्ल्ड कप पास आते ही टिकटों के दाम आसमान छूने लगे. बांग्लादेश के नरैल शहर में लोगों ने हड़ताल कर दी क्योंकि उनके शहर के मशरफे मुतर्जा को वर्ल्ड कप की टीम में नहीं रखा गया.

वेस्ट इंडीज से सबक लेते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई ने स्टेडियम की खाली जगहों को भरने के लिए छात्रों में मुफ्त टिकट बांटे हैं. पिछले वर्ल्ड कप में कई सीटें खाली दिखती थीं.

वर्ल्ड कप 2011 के टूर्नामेंट निदेशक रत्नाकर शेट्टी का कहना है, "सबसे बड़ी चुनौती लोगों को गैर भारतीय मैचों के लिए स्टेडियम में खींचना होगा. हमें सुझाव मिला है कि हम स्कूल और कॉलेज के छात्रों को बुलाएं."

प्रशासन को भारत में गैरकानूनी सट्टेबाजी पर भी नजर रखनी होगी. हालांकि मजूमदार इसे बड़ा खतरा नहीं बताते, "मुझे नहीं लगता कि इस बार के वर्ल्ड कप में मैच फिक्सिंग जैसी बात आएगी. सट्टेबाजी जरूर होगी. इसमें किसी को शक नहीं लेकिन मैच फिक्सिंग की आशंका कम है."

मजूमदार शायद ठीक ही कह रहे हैं क्योंकि वर्ल्ड कप में मैच फिक्सिंग की बात अगर खुल जाए, तो खिलाड़ियों का क्या हश्र होगा, सोचा जा सकता है.

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः ए कुमार

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