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वापसी को बेताब तैराकी का बादशाह

२६ जुलाई २०११

ज्यादा वक्त नहीं बीता है जब अमेरिकी तैराक माइकल फेल्प्स का पानी में कोई सानी नहीं था. वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक में उनके 42 मेडल इसकी मिसाल हैं. पर इन दिनों वर्ल्ड एक्वाटिक चैंपियनशिप में उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है.

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तैराकी के बादशाह फेल्प्सतस्वीर: AP

पिछले साल फेल्प्स ने रोम में वर्ल्ड चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण और एक रजत पदक जीता. इस टूर्नामेंट में वह पहले भी 20 पदक जीत चुके हैं. लेकिन वह अब खुद को अजेय स्थिति में नहीं पाते. नौ साल तक फेल्प्स को 200 मीटर बटरफ्लाई में कोई नहीं हरा सका, लेकिन फिर चीन के तैराक वु फेंग ने उन्हें दो बार हराया और जून में ऑस्ट्रेलिया के निक डी'आर्की ने फेल्प्स को पछाड़ने में कामयाबी हासिल की और अमेरिकी तैराक को लगातार तीसरी हार झेलनी पड़ी.

शंघाई के ओरिएंटल स्पोर्ट्स सेंटर में होने वाली एक्वाटिक चैंपियनशिप में हिस्सा लेने फेल्प्स फिर चीन पहुंचे हैं. बाल्टीमोर में पैदा हुआ यह तैराक 2008 के पेइचिंग ओलंपिक में 14 स्वर्ण पदक लेकर अपने देश लौटा था. यह अब तक के ओलंपिक खेलों में किसी खिलाड़ी का बेहतरीन प्रदर्शन है.

अब वैसा जोश नहीं

ओलंपिक के शानदार प्रदर्शन के बाद फेल्प्स नॉर्थ बाल्टीमोर एक्वाटिक क्लब में लौटे और कोच बॉब बोमैन के साथ मिल कर अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा. लेकिन फिर उनके प्रदर्शन में गिरावट आ गई. उन्होंने खुद माना कि अब तैराकी को लेकर उनमें वैसा जुनून नहीं रहा जैसा कभी होता था. वह कहते हैं, "मुझे लगता है कि मैं आलसी हो रहा था और गोल्फ कोर्स पर ज्यादा समय बिताने लगा."

Olympia, Michael Phelps gewinnt seine achte Goldmedaille, Freies Bildformat
तस्वीर: AP

फेल्प्स को 11 साल की उम्र में कोचिंग देने वाले बोमैन का कहना है कि अब उनकी फिटनेस उतनी अच्छी नहीं है. लेकिन फेल्प्स को अगर किसी चीज से नफरत है तो वह है हारना, भले ही उन्हें कई बार इसे स्वीकार करना पड़ा हो. शंघाई के टूर्नामेंट की तैयारी के लिए ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने कहा, "आप लोगों को पता है कि मुझे हारना पसंद नहीं है. भले ही मैं कसरत न करूं लेकिन यहां आकर खुश हूं. अगर मुझे अपने लक्ष्य हासिल करने हैं तो कुछ वे काम भी करने होंगे जो मैं नहीं करना चाहता."

शंघाई में फेल्प्स पांच मुकाबलों में हिस्सा लेंगेः 200 मीटर फ्रीस्टाइल, 100 और 200 मीटर बटरफ्लाई, 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले और 4x200 मीटर फ्रीस्टाइल रिले. हालांकि विश्व तैराकी संस्था फीना ने जब से प्रदर्शन को बेहतर करने वाले हाईटेक स्विम सूट पहनने पर पाबंदी लगाई है, फेल्प्स कोई विश्व रिकॉर्ड नहीं कायम कर पाए हैं. लेकिन उन्हें शंघाई में कुछ अच्छे मुकाबलों की उम्मीद है.

घायल शेर

उधर पूर्व अमेरिकी तैराक आरोन पीयरसोल ने विश्व तैराकी समुदाय को चेतावनी दी है कि अगर फेल्प्स शंघाई के टूर्नामेंट में नाकाम रहे तो अगले साल होने वाले लंदन ओलंपिक में वह किसी घायल शेर से कम नहीं होंगे. वह यह कहते हैं, "यह उनके लिए अहम है. वह बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं. अगर वह यहां अच्छा नहीं करते हैं तो ईमानदारी से कहता हूं कि लंदन में वह और ज्यादा मेहनत करेंगे. अगर मैं उनका प्रतिद्वंद्वी होता और वह यहां अच्छा प्रदर्शन नहीं करते तो मैं उनसे ज्यादा भयभीत रहता. आप जानते हैं कि इसका मतलब क्या है."

28 वर्षीय पीयरसोल का कहना है कि फरवरी में तैराकी मुकाबलों से संन्यास लेने के बाद उन्होंने फेल्प्स को ज्यादा तैरते नहीं देखा लेकिन उन्हें इस बात में कोई शक नहीं है कि कई वर्ल्ड चैंपियन और ओलंपिक मुकाबले जीतने वाले फेल्प्स शंघाई में बढ़िया प्रदर्शन करेंगे. पांच ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले और तैराकी में 10 साल तक रहे पीयरसोल कहते हैं, "मैं चाहता हूं कि वह (शंघाई में) अच्छा प्रदर्शन करें और मुझे विश्वास है कि वह करेंगे भी, लेकिन वह लंदन ओलंपिक के लिए भी तैयार हैं."

US-Schwimmer Michael Phelps jublet nach seinen Sieg über 100 Meter Schmetterling und holt die 7. Goldmedailie
तस्वीर: picture-alliance/dpa

हर दो साल में मुकाबला

वर्ल्ड एक्वाटिक चैंपियनशिप पानी से जुड़े खेलों गोताखोरी, तैराकी, ओपन वाटर स्वीमिंग, सिंक्रोनाइज्ड स्वीमिंग और वाटर पोलो की वर्ल्ड चैंपियनशिप है. इस टूर्नामेंट को फीना आयोजित कराता है. पहली वर्ल्ड एक्वाटिक चैंपियनशिप 1973 में हुई. 1978 से 1998 तक ये टूर्नामेंट हर चार साल में होता था लेकिन 2001 के बाद से इसे हर दो साल में कराया जा रहा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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