वाह क्या आइडिया है!
८ अक्टूबर २०११57 साल के कुर्त मायर और 56 साल के ऊवे ग्लिंका ने जब से जरूरत के सामान की खरीदारी में मोल-भाव और आवश्यक चीजों से गुजारा करने को पेशे में तब्दील किया है, तब से उनके पास चिट्ठियों की बाढ़ आने लगी है. इन दोनों ने सस्ते में गुजारा करने की गाइडबुक लिखी है.
इस सफलता के बाद से पश्मिची जर्मनी के लुनेबर्ग के रहने वाले ये दोनों लोग 30 के करीब टीवी शो में आ चुके हैं. उनकी छठी गाइडबुक सेव योरसेल्फ द मीट की हाल में ही जर्मनी में बिक्री शुरू हुई है. दोनों ने एक लाख के करीब गाइडबुक्स बेची हैं. गाइडबुक का उद्देश्य है उन लोगों की मदद करना जो अपनी खरीदारी के खर्चों में कटौती करना चाहते हैं. मायर कहते हैं, "ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो अपनी आय के मुताबिक पूरे खर्चे उठा नहीं पा रहे हैं."
पहले जरूरत अब पेशा
पेशे से मायर संचार तकनीशियन और ग्लिंका कार सेल्समैन हैं. नौकरी छूटने के बाद वे सरकारी भत्ते पर जिंदगी बसर करने के लिए तैयार नहीं थे. दोनों की मुलाकात नौकरी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम केन्द्र में हुई. दोनों ने अपनी जरूरत को खूबी बना लिया. उनका उद्देश्य था कि यह साबित किया जाए कि वे हर महीने मिलने वाले सरकारी भत्ते से किस तरह से अच्छा खाना बना सकते हैं.
मायर और ग्लिंका ने पहले ऐसी किताबें जमा की जिनमें सस्ती चीजों से खाना बनाने के नुस्खे थे. उन लोगों ने महीनों तक जर्मनी के डिस्काउंट स्टोर्स के चक्कर लगाए और यह पता लगाया कि उनकी जरूरत की चीजों के दाम क्या है.
क्लिक से बदली दुनिया
ग्लिंका कहते हैं, "हमारी किताबों की अनोखी बात यह है कि इसे पढ़ने वाला यह जान जाता है कि उस व्यंजन को बनाने में कितने पैसे लगेंगे." जर्मनी के स्टर्न टीवी पर आने वाले सबसे बड़े टॉक शो में शामिल होने के बाद उनकी तकदीर बदल गई. मायर बताते हैं, "हमारे पास किताब छपवाने के लिए पैसे नहीं थे तो हमने स्टर्न टीवी की वेबसाइट पर इसे प्रकाशित किया."
संतुलित पोषण से भरपूर भोजन के 30 व्यंजन वाली गाइड को 15 लाख बार डाउनलोड किया गया. इस सफलता ने दोनों को किताब छापने के लिए प्रेरित किया जिसके बाद उन्होंने पैसे उधार लेकर इसे छपवाया. दैनिक जीवन के अन्य क्षेत्रों में किस तरह से बचत की जा सके इस पर भी वे अनुसंधान कर रहे हैं. हाल ही में दोनों ने एक गाइड लिखी सस्ती दवाइयों की खरीदारी पर.
रिपोर्ट: डीपीए/आमिर अंसारी
संपादन: वी कुमार