विदेशी निवेशक के लिए खुला भारतीय शेयर बाजार
२ जनवरी २०१२भारत सरकार के मुताबिक 15 जनवरी से अकेले विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में कारोबार कर सकेंगें. अब तक विदेशी निवेश म्युचुअल फंड और किसी संस्थागत ढांचे के जरिए ही भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर पाते थे.
सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है, "केंद्र सरकार ने योग्य विदेशी निवेशकों को भारतीय इक्विटी बाजार में सीधे निवेश की अनुमति दे दी है ताकि निवेशकों का दायरा बढ़ाया जा सके, ज्यादा विदेशी फंड आकर्षित किया जा सके और बाजार की अस्थिरता को भी घटाया जा सके."
सरकार के इस फैसले को आर्थिक सुधार की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम माना जा रहा है. विश्लेषकों के मुताबिक फैसले से भारत के इक्विटी बाजार पर अच्छा असर पड़ेगा. लेकिन फिलहाल भारतीय शेयर बाजारों का बुरा हाल है, लिहाजा विदेशी निवेशक तुंरत निवेश करने लगेंगे, इसकी उम्मीद करना बेमानी है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज 2011 में 25 फीसदी गिरा. विश्लेषकों का अनुमान है कि 2012 में बाजार का और बुरा हाल होगा.
बीते 20 साल में भारत ने धीरे धीरे विदेशी पैसे के लिए अपना बाजार खोला. कई सालों तक भारत ने करीब आठ फीसदी की दर से आर्थिक विकास किया, जिसकी वजह से विदेशी निवेशक इसकी तरफ आकर्षित हुए. लेकिन अब आर्थिक तरक्की थमने लगी है. बीते साल रुपया डॉलर के मुकाबले 24 फीसदी गिरकर रिकॉर्ड गहराई में पहुंच गया. अब वित्तीय घाटा भी बढ़ने लगा है. कई अर्थशास्त्रियों का कहना है कि मार्च 2012 में खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान भारत की जीडीपी विकास दर सात फीसदी से भी नीचे आ गिरेगी.
देश में बीते तीन साल से मंहगाई पसरी हुई है लेकिन अर्थशास्त्री प्रधानमंक्षत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से कुछ नहीं हो पा रहा है. उल्टे भ्रष्टाचार की वजह से विदेशों में भारत की छवि को नुकसान पहुंचा है.
रिपोर्ट: एएफपी, रॉयटर्स/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन