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विश्वनाथन आनंद की नागरिकता पर सवाल

२४ अगस्त २०१०

विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने दुनिया भर में भारत का नाम रोशन किया है लेकिन अब उनकी भारतीय नागरिकता पर ही सवाल उठाए जा रहे हैं. इसी के चलते हैदराबाद की यूनिवर्सिटी उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि नहीं दे पा रही है.

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सवालों में नागरिकतातस्वीर: UNI

भारत के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आनंद के साथ साथ हावर्ड यूनिवर्सिटी की जाने माने गणितज्ञ डेविड ममफोर्ड को मानद उपाधि देने के हैदराबाद यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है. आनंद का संबंध तमिलनाडु से है लेकिन कुछ साल से उन्होंने स्पेन को अपना दूसरा घर बना रखा है, लेकिन अब भी उनके पास भारतीय पासपोर्ट ही है. कई बार स्पष्टीकरण दिए जाने के बावजूद मंत्रालय ने इस फाइल को अभी रोक रखा गया है. आनंद अपने पासपोर्ट की कॉपी भी दे चुके हैं.

हैदराबाद यूनिवर्सिटी के गणित विभाग के प्रमुख रजत टंडन कहते हैं, "विश्वनाथन आनंद को मानद डॉक्टरेट उपाधि दिए जाने से रोका या मना नहीं किया गया है. लेकिन इसमें देर हो रही है. हम इस बात को लेकर बहुत निराश हैं." टंडन ने कहा कि इस बारे में उनके प्रस्ताव का मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया है. वह कहते हैं, "फाइल अब भी मंत्रालय के पास है. हम इसके लिए आनंद से माफी मांगते हैं."

हैदराबाद यूनिवर्सिटी के एक उच्चाधिकारी ने कहा है कि मंत्रालय के रुख से उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें. अधिकारी के मुताबिक, "इस मुद्दे पर मंत्रालय और यूनिवर्सिटी के बीच खूब चिट्ठी पतरी भेजी गई हैं. असल में आनंद की पत्नी ने उनके भारतीय पासपोर्ट की कॉफी भी फैक्स की है. लेकिन फिर भी मंत्रालय की तरफ से कोई जवाब नहीं आया."

इस मुद्दे को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के सामने भी रखा गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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