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शांति में ही रखिये शांति का नोबेल

२८ फ़रवरी २०१२

ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति मोन्सेफ मारजौकी, कथित विकीलीक्स मुखबिर ब्रैडले मैनिंग और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन 2012 के नोबेल शांति पुरस्कारों की दौड़ में हो सकते हैं.

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तस्वीर: AP

संभावित लोगों की सूची आधिकारिक रूप से इस साल के लिए सीलबंद की जा चुकी है जो गुप्त है और इस पर कोई नोबेल अधिकारी मुंह नहीं खोलेगा. जानकार इस पर अटकलें लगा रहे हैं कि कौन कौन होगा संभावितों में. जिन लोगों के पास पुरस्कार के लिए नामांकित करने का अधिकार है उनमें से कुछ ने अपनी राय भी भी दी है. नोबेल कमेटी ने शुक्रवार को विचार के लिए आखिरी बार कुछ नामों को जोड़ा.

सोमवार को नॉर्वे की पांच सदस्यों वाली नोबेल कमेटी ने बताया कि इस बार के पुरस्कार के लिए 231 नामों पर विचार चल रहा है. नोबेल कमेटी के कार्यकारी सचिव गेयर लुंडेस्टाड के मुताबिक 231 नामों में 43 संस्थाएं हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में उन्होंने कहा, "बहुत सारे नाम कई सालों से लगातार इसका हिस्सा बनते आ रहे हैं लेकिन कुछ नए नाम भी हैं." पिछले साल की सूची सबसे लंबी थी तब 241 नामों पर विचार किया गया.

मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच के यूरोपीय निदेशक और नोबेल पर नजर रखने वाले जान एगेलैंड का कहना है, "यह ट्यूनीशिया के लिए अच्छा हो सकता है.अब तक केवल अरब बसंत के सफलता की कहानी ही चमक रही है." मारजौकी एक मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं और दिसंबर में ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति बने. एगेलैंड कहते है मारजौकी,"तानाशाही दमन से लोकतंत्र तक के पूरी तरह से शांतिपूर्ण बदलाव के प्रतीक हो सकते हैं."तानाशाही सरकारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के रूप में अरब वसंत ट्यूनीशिया से शुरू हुआ और फिर मिस्र, लीबीया, यमन होता हुआ सीरिया तक जा पहुंचा है.

दूसरे प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व जर्मन चांसलर हेलमूट कोल के होने की भी बात कही जा रही है जिन्हें जंग के बाद जर्मनी के दूसरे एकीकरण के साथ ही यूरोपीय संघ का प्रमुख वास्तुकार माना जाता है. पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ओस्लो के निदेशक और नामांकन करने का अधिकार रखने वाले क्रिस्टियान बेर्ग हारप्विकेन ने उन नामों की एक छोटी सूची जारी की है जो उन्होंने अपनी तरफ से भेजे हैं. इसमें अमेरिकी लेखक और दर्शनशास्त्री जीन शार्प का नाम सबसे ऊपर है. शार्प सामाजिक न्याय के लिए अहिंसक कार्रवाइयों की लंबे समय से वकालत करते रहे हैं. हारप्विकेन ने रूस के मानवाधिकार संगठन मेमोरियल और उसकी सह संस्थापक स्वेत्लाना गानुश्किना को भी पुरस्कार के दावेदारों में शामिल किया है. इनके अलावा डेनिस मुक्वेगे भी हैं. डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो की इस गायनोकॉलिजस्ट(स्त्री रोग विशेषज्ञ) ने बलात्कार से पीड़ित उन हजारों महिलाओं का इलाज किया जिन पर स्थानीय मिलिशिया के लड़ाकों ने जुल्म ढाया. यूनीसेफ, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष और गावी को भी उनके टीका लगाने के कार्यक्रम के लिए संभावितों में शामिल किया गया है. गावी एक निजी संस्था है जिसके कार्यक्रमों को बिल गेट्स की तरफ से कुछ मदद मिलती है.

Nobelpreis Medaille
तस्वीर: picture-alliance/dpa

शांतिदूत को पुरस्कार के लिए दबाव

स्वीडन के अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या नॉर्वे की नोबेल कमेटी अल्फ्रेड नोबेल के शांति के लिए काम करने वालों को पुरस्कार देने के इरादों को भूल चुकी हैं. विश्लेषकों का कहना है कि कमेटी पर नोबेल की इच्छा को पूरी करने का दबाव इस साल थोड़ा ज्यादा है. हाल के सालों में विजेता पर्यावरणवादी, गरीबी के खिलाफ अभियान चलाने वाले और महिलाओं के अधिकार के लिए काम करने वालों में से चुने गए हैं.

एगेलैंड का कहना है कि कमेटी को अल्फ्रेड नोबेल की इच्छा को उदारता से व्याख्या करने की छूट मिलनी चाहिए हालांकि उन्हें इसके मूल से नहीं भटकने की इजाजत नहीं होनी चाहिए. उनका यह भी कहना है कि दूसरे कामों के लिए तो कई पुरस्कार हैं लेकिन शांति के लिए बस यही पुरस्कार है.

रिपोर्टः रॉयटर्स/एन रंजन

संपादनः आभा एम

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