शारापोवा 7 साल बाद विम्बलडन के फाइनल में
१ जुलाई २०११विम्बलडन में वाइल्ड कार्ड के जरिए जगह बनाने वाली जर्मनी की लिजिकी ने शारापोवा के खिलाफ शुरुआत धमाकेदार अंदाज में की. मुकाबला शुरू होते ही लिजिकी 3-0 से आगे हो गई. उनकी तेज सर्विस भी शारा पर भारी पड़ रही थी, इसके अलावा रूसी खिलाड़ी ने खुद भी कई गलतियां कीं. 3-0 से पिछड़ने के बाद शारापोवा ने वापसी करनी शुरू की. पांचवीं वरियता प्राप्त रूस खिलाड़ी ने अंक बराबर किए और 6-4 से पहला सेट अपने नाम भी कर लिया.
दूसरे सेट में शारापोवा ने मुड़कर नहीं देखा और लिजिकी को 6-3 से हराकर फाइनल में जगह बना ली. हालांकि गुरुवार को शारापोवा के खेल में चमक नहीं दिखाई पड़ी. उन्होंने 13 डबल फॉल्ट किए. एक घंटा 26 मिनट तक चले मैच में शारापोवा सिर्फ दो ऐसेज दिखा सकीं. मैच के बाद शारा ने कहा, "आज का मैच चैंपियशिप के लिहाज से शानदार मैच नहीं था. लेकिन तब भी दो सेट में जीतने की वजह से मैं खुश हूं. मंच पर दोबारा लौटना, यह एक शानदार अनुभव है."
लिजिकी भले ही हार गईं लेकिन उन्होंने विम्बलडन में यहां तक पहुंच कर सुर्खियां बटोर ली हैं. लोग उन्हें अब उभरता टेनिस सितारा मान रहे हैं. विम्बलडन में इस बार महिलाओं के मुकाबले बड़े चौंकाने वाले रहे. शारापोवा को छोड़कर बाकी बड़ी हस्तियां सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच सकी. फ्रेंच ओपन जीतने वाली चीन की ली, सेरेना और वीनस विलियम्स, नंबर एक खिलाड़ी वोजनियाकी और बारतोली सनसनीखेज नतीजों का शिकार बनीं.
बहरहाल अब तैयारियां महिलाओं के फाइनल की हैं. शारापोवा की शक्ल में यह पहला मौका है जब किसी महिला खिलाड़ी ने सात साल बाद किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में वापसी की है. शारापोवा ने 2004 में 17 साल की उम्र में विम्बलडन जीतकर हलचल मचा दी थी. शनिवार को उनका सामना आठवीं वरियता प्राप्त चेक गणराज्य की पेट्रा क्वितोवा से होगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया