सर्कस में बच्चों के काम करने पर प्रतिबंध
१८ अप्रैल २०११सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार से कहा है कि सर्कस में काम कर रहे सभी बच्चों को वहां से छुड़ाया जाए और उनके पुनर्वास के लिए कार्यक्रम शुरू किया जाए.
जस्टिस दलवीर भंडारी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि बच्चों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा के लिए यह जरूरी है कि सरकार अधिसूचना जारी करके बच्चों के इस क्षेत्र में काम करने पर रोक लगाए.
कोर्ट ने निर्देश दिया कि विभिन्न सर्कसों में काम कर रहे बच्चों को छुड़ाने के लिए छापे मारे जाएं. साथ ही बच्चों को दोबारा समाज का हिस्सा बनाने की गंभीर कोशिश भी की जानी चाहिए, जिसके तहत पुनर्वास की ठोस योजना बनाना जरूरी है.
अदालत ने यह आदेश एक स्वयंसेवी संस्था बचपन बचाओ आंदोलन की याचिका पर सुनाया है. संस्था ने अपनी याचिका में कोर्ट से अपील की थी कि सरकार को निर्देश दिया जाए कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों को सर्कस में काम करना बंद हो.
कोर्ट ने सरकार से 10 हफ्ते के भीतर हलफानामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि उसके आदेश पर क्या कार्रवाई की गई. मामले पर अगली सुनवाई के लिए 19 जुलाई की तारीख तय की गई है.
रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार
संपादनः आभा एम