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सार्क बैठक से पहले नजदीक आते भारत और पाक

९ नवम्बर २०११

भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने कहा है कि दोनों देशों के बीच अविश्वास कम हुआ जो शांति प्रक्रिया के लिए नई बुनियाद बन सकता है. मालदीव में होने वाले सार्क सम्मेलन में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात होगी.

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मालदीव पहुंचे दोनों विदेश मंत्रीतस्वीर: dapd

दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) की शिखर बैठक के लिए मालदीव पहुंचे भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर ने रिश्तों में बेहतरी की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच संपर्क बहुत अच्छे रहे हैं.

दोनों देशों के बीच "बहुत ही सकारात्मक माहौल" की तरफ इशारा करते हुए कृष्णा ने कहा कि पाकिस्तान के साथ "अविश्वास कम" हो रहा है और अब उन्हें आतंकवाद के लड़ने के लिए साझा रणनीति पर ध्यान देना चाहिए. मालदीव के लिए रवाना होने से पहले कृष्णा ने नई दिल्ली में कहा, "मुझे लगता है कि पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते पहले के मुकाबले थोड़े और स्थिर हो रहे हैं."

Bhutan - Yousuf Raza Gilani und Manmohan Singh
सार्क बैठक में मिलेंगे गिलानी और मनमोहनतस्वीर: AP

'मीलों' लंबा सफर

थोड़ी देर के लिए मीडिया के सामने आईं खर ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की मुलाकात से पहले दोतरफा माहौल अच्छा है. उन्होंने कहा, "मैं अपने पक्ष की तरफ से कह सकती हूं कि हम समझते हैं कि माहौल में बहुत सुधार आया है. बहुत से सालों से जो दोनों देशों के बीच भरोसे की कमी रही है, वह काफी हद तक दूर हुई है."

दोनों ही विदेश मंत्रियों ने रिश्तों की बेहतरी के लिए मुश्किल चुनौतियों की तरफ भी इशारा किया. इसमें सिर्फ कश्मीर समस्या ही नहीं है, बल्कि और भी मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है. खर ने कहा, "हमें मीलों मील चलना है."

परमाणु हथियारों से लैस भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते उस वक्त बेहद तनावपूर्ण हो गए जब मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमले में 166 लोग मारे गए. इन हमलों के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ बताया जाता है.

पाकिस्तान की पहलें

मुंबई हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ धीमी रफ्तार से जारी शांति प्रक्रिया को तोड़ दिया क्योंकि लश्कर-ए-तैयबा के कथित तौर पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों से संबंध बताए जाते हैं. लेकिन हाल के समय में दोनों देशों ने शिखर बैठकों और बातचीत के जरिए रिश्तों को पटरी पर लाने की कोशिश की है.

Händeschütteln zwischen Manmohan Singh und Syed Yousuf Raza Gilani
धीरे धीरे रिश्ते पटरी पर लौट रहे हैंतस्वीर: AP

पिछले महीने पाकिस्तानी क्षेत्र में गलती से घुसने वाले भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर को रिहा कर उसके चालक दल के साथ तुरंत भारत को लौटा दिया गया. इस मुद्दे पर किसी तरह का राजनयिक विवाद नहीं पैदा किया गया जिसकी आशंका बनी रहती है.

इसके अलावा पिछले हफ्ते पाकिस्तानी मंत्रिमंडल ने व्यापार की दृष्टि से भारत को सर्वाधिक वरीयता वाले देश का दर्जा देने के फैसले को भी मंजूरी दे दी है, जिससे बहुत से उत्पादों के लिए सीमा को खोलने में मदद मिलेगी. अंतरराष्ट्रीय बिरादरी क्षेत्र और दुनिया में स्थिरता के लिए दोनों देशों के बीच रिश्तों की बेहतरी को अहम समझती है.

अफगान एंगल

अमेरिका बराबर भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते सामान्य बनाने के लिए दबाव डालता रहता है. अमेरिकी सरकार को लगता है कि भारत के साथ शांति रहेगी तो पाकिस्तान उन चरमपंथियों से निपटने में और ज्यादा ताकत लगाएगा जो अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी और नाटो सेनाओं पर बराबर घातक हमले कर रहे हैं.

Logo SAARC South Asian Association For Regional Cooperation
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की वजह से सार्क बड़ी भूमिका निभाने में नाकाम रहा है

खर ने कहा कि आतंकवाद दोनों देशों के लिए चुनौती है और सार्क शिखर बैठक में नेता इस बात पर ध्यान देंगे. वैसे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की एक वजह अफगानिस्तान में अपना-अपना प्रभाव कायम करने की होड़ भी रही है. भारत ने पिछले महीने ही अफगानिस्तान के साथ रणनीतिक साझेदारी की एक संधि पर हस्ताक्षर किए हैं जिसे पाकिस्तान में शक की नजर से देखा गया.

पाकिस्तान अपने कथित पिछवाड़े में भारत के बढ़ते प्रभाव से परेशान है. अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई भी सार्क शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे. इसके अलावा सार्क के बाकी सदस्यों देशों बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका के नेता भी इस बैठक में क्षेत्रीय चुनौतियों पर चर्चा करेंगे.

रिपोर्टः एएफपी, एपी/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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