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सीरियाः बच्चों के लिए बुरा सपना

२५ सितम्बर २०१२

हत्या, अत्याचार और दूसरे जुल्मों का सीरिया के बच्चों पर बहुत बुरा असर हो रहा है. उनके लिए काम करने वाली संस्था ने चेतावनी दी है कि मामला गहराता जा रहा है.

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तस्वीर: Reuters

दमिश्क यूनिवर्सिटी में 20 साल का वायल बहुत खामोशी से क्लास में आता है. सरकार समर्थक सुरक्षा बलों ने उसे विरोध प्रदर्शन के दौरान पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया और एक साल तक हिरासत में रखा. जेल में रहते हुए उसका वजन 15 किलो घट गया और इस दौरान जो अत्याचार हुए, उसके डरावने सपने उसे अब सोने नहीं देते.

वायल उसका असली नाम नहीं, लेकिन न तो वह गुजरे वक्त के अत्याचारों की चर्चा करना चाहता है न ही असली नाम के साथ सामने आना. उसने अपने प्रिय साथी को आंखों के सामने गोली मारे जाते भी देखा. वह क्लास में लौट आया है लेकिन जान रहा है कि खुफिया एजेंसियां उसकी हर गतिविधि पर नजर रख रही हैं. यहां तक कि उसका फोन भी टैप हो रहा है. वायल और उससे कम उम्र के हजारों बच्चे इसी तरह के अलग अलग बुरे अनुभवों से गुजर रहे हैं. वायल तो फिर भी अपने देश में है, बहुतों को तो अपने मुल्क से बाहर शरणार्थी के रूप में रहना पड़ रहा है.

Syrien Alltag im Flüchtlingslager in Jordanien Kinder
तस्वीर: Reuters

सेव द चिल्ड्रेन नाम की संस्था ने इस बारे में काफी जानकारी जुटाने के बाद कहा, "बच्चों को क्रूर हमलों का निशाना बनाया जा रहा है. वो अपने मां बाप, भाई बहन और दूसरे बच्चों की हत्या देख रहे हैं, अत्याचारों के गवाह बन रहे हैं." सेव द चिल्ड्रेन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी यासमीन व्हिटब्रेड का कहना है, "सीरिया में बच्चों के खिलाफ हिंसा की डरावनी गतिविधियां हो रही हैं. इन बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत है.

जिससे कि उन्हें डरावने अनुभवों से बाहर निकाला जा सके." उनका कहना है कि इन बच्चों की गवाहियों को भी दर्ज किया जाना चाहिए, जिससे कि हिंसा के लिए दोषी लोगों की जिम्मेदारी तय की जाए.

मंगलवार को "अनकहे अत्याचार" नाम से जारी संस्था की रिपोर्ट में सीधे उन बच्चों और उनके मां बाप से बात कर ब्योरा दर्ज किया गया है, जो देश छोड़ कर भाग रहे हैं. इसमें पूरे विस्तार से जानकारी दी गई है कि किस तरह से बच्चे सीरिया की जंग में फंस गए हैं और नरसंहारों के गवाह बन रहे हैं या कुछ मामलों में अत्याचारों के शिकार हो रहे हैं. रिपोर्ट में ऐसे कई बच्चों का ब्यौरा दिया गया है, जो अपने देश में डरावने अत्याचारों के शिकार हुए या फिर उन्हें होते देखा.

Syrien Flüchtlinge Türkei Archiv
तस्वीर: AP

रिपोर्ट में 14 साल के एक बच्चे हसन का बयान दर्ज है, "जमीन पर चारों तरफ मारे गए लोगों की लाशें पड़ी थीं. मैंने कई शवों के टुकड़े को इधर उधर एक दूसरे के ऊपर पड़े देखा. नरसंहार के दो दिन बाद कुत्ते शवों को खा रहे थे." इसी तरह 16 साल का एक किशोर छह साल के एक बच्चे को जानता था जिस पर, "बहुत ज्यादा अत्याचार हुआ जिसके बाद वह केवल तीन दिन तक जिंदा रहा और फिर मर गया."

सेव द चिल्ड्रेन ने संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया है कि वह बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन को दर्ज करने के लिए कदम उठाए. अंतरराष्ट्रीय संगठन का यह भी कहना है कि उसे सीरिया में जाने की अनुमति नहीं दी गई है जिससे कि वो बच्चों की मदद कर सके.

सेव द चिल्ड्रेन सीरिया से भाग कर आस पास के देशों में पहुंचे हजारों बच्चों को उनके बुरे अनुभवों से बाहर निकालने और उनकी जिंदगी को संवारने की कोशिश में लगा है. सीरिया में मानवाधिकार पर नजर रखने वाली एक संस्था के मुताबिक राष्ट्रपति बशर अल असाद के खिलाफ विद्रोह भड़कने के बाद से अब तक 29 हजार लोगों की जान गई हैं. संयुक्त राष्ट्र यह संख्या 20,000 से ज्यादा बता रहा है. यूएन की शरणार्थियों से जुड़ी संस्था यूएनएचसीआर का कहना है कि ढाई लाख से ज्यादा लोग पास पड़ोस के देशों में शरणार्थी के रूप में दर्ज हुए हैं.

एनआर/एजेए (डीपीए,एएफपी)

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