सीरियाई सेना ने विद्रोही गढ़ पर कब्जा किया
१३ जून २०११सरकारी टेलिविजन ने सेना के शहर में घुसने और उसे नियंत्रण में लेने की सूचना देते हुए कहा कि हथियारबंद गुटों को पड़ोस के पहाड़ों में खदेड़ दिया गया है. उसका कहना है कि शहर में एक बड़ी कब्र में पुलिसकर्मियों की क्षत विक्षत लाशें मिली हैं जिंहे हथियारबंद आतंकी गुटों ने मार डाला था और दफना दिया था.
पिछले सप्ताह सरकारी मीडिया ने कहा था कि वहां हथियारबंद गुटों ने पुलिस मुख्यालय पर हमला कर 120 पुलिसकर्मियों को मार डाला है. विपक्ष ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि पुलिस बल में विद्रोह हुआ था. पुलिसकर्मियों ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने से मना कर दिया था.
विपक्ष का कहना है कि मार्च से सेना की कार्रवाई में 1300 से अधिक लोग मारे गए हैं. रविवार को जारी एक बयान में सबसे महत्वपूर्ण विपक्षी गुट ने राष्ट्रपति बशर अल असद से इस्तीफे की मांग की है. बयान में कहा गया है कि सत्ता सेना को सौंप दी जानी चाहिए और देश को लोकतंत्र में बदला जाना चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय निगरानी में होने वाली बैठक में छह महीने के अंदर नया संविधान बनाया जाना चाहिए. विपक्ष का कहना है कि देश में अव्यवस्था फैलने से रोकी जानी चाहिए. राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत के बाद से 10 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
सुरक्षा बलों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी ला दी है और रविवार को तुर्की की सीमा पर स्थित जिस्र अल शुगूर पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है. प्रत्यक्षदर्शियों ने सैनिकों द्वारा खेतों को नष्ट करने और गायों तथा भेड़ों को मारने की बात कही है. इसके विपरीत सरकारी टेलिविजन ने कहा है कि सेना ने शहर बहुत से हथियारबंद लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और हथियार जब्त कर लिए हैं.
इदलीब प्रांत का 50 हजार आबादी वाला शहर कई दिनों से विवाद के केंद्र में है. 5000 से अधिक शरणार्थी देश छोड़कर भाग गए हैं और तुर्की में शरण ली है. एक संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी प्रवक्ता ने कहा है कि रेड क्रिसेंट और 2500 लोगों के लिए चौथा कैंप बना रही है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एस गौड़