"राहत एजेंसियों को काम करने की इजाजत दे सीरिया"
१२ जून २०११यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख कैथरीन एश्टन ने मानवीय आपदा पर अमेरिका से सुर मिलाए. एश्टन ने कहा, "सीरिया में जिस तरह से प्रशासन कार्रवाई कर रहा है और मानवीय स्थिति बिगड़ रही है उससे मैं बेहद चिंतित हूं. मैं सीरिया से अपील करती हूं कि रेड क्रॉस जैसी अंतरराष्ट्रीय राहत संस्थाओं को बेरोकटोक आने जाने की अनुमति दी जाए ताकि लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके."
शनिवार को ऐसी रिपोर्टें आईं कि सीरियाई सुरक्षाकर्मियों ने हेलीकॉप्टर की मदद से प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाया है. अंतरराष्ट्रीय जगत में सीरिया से लगातार संयम बरते जाने की अपील हो रही है लेकिन राष्ट्रपति बशर अल असद ने अभी तक इन अपीलों को अनसुना किया है. एश्टन ने एक बार फिर अपनी अपील में कहा, "सीरियाई प्रदर्शनकारियों के खिलाफ क्रूर तरीके से पेश आने की मैं निंदा करती हूं. मेरी अपील है कि सीरिया अपना रास्ता बदले और हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करे."
सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई से डरकर लोग भागकर अब तुर्की में शरण ले रहे हैं. तुर्की भाग कर आए सीरियाई नागरिकों ने बताया है कि किस तरह से लोगों का दमन किया जा रहा है और आदेश की अवहेलना किए जाने पर मौत की सजा की धमकी दी जा रही है. एश्टन ने कहा है कि हिंसा और हत्या के जिम्मेदार लोगों को सजा दी जानी चाहिए."जो लोग हिंसा और हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं उनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए. मानवाधिकारों के मामले में एश्टन ने सीरिया से संयुक्त राष्ट्र के अनुरोध को मानने की अपील की है."
अमेरिकी सरकार ने भी उत्तरी सीरिया में कार्रवाई रोके जाने और रेड क्रॉस को लोगों की मदद की इजाजत दिए जाने का अनुरोध किया है. अमेरिका का कहना है कि सीरिया में मानवीय संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है. अब तक तुर्की में सीरिया के 4,300 लोग शरण ले चुके हैं. तुर्की का रुख करने वाले अधिकतर लोग जिस्र अल शुगहुर शहर से हैं जहां सीरियाई सुरक्षा बलों ने कार्रवाई की है. सीरियाई सरकार के मुताबिक 120 सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने के बाद कानून व्यवस्था की बहाली के लिए ही कार्रवाई हो रही है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा