सीरिया पर दबाव में ओबामा
२६ अप्रैल २०१३राष्ट्रपति ने सीरिया सरकार द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की खुफिया सूचनाओं पर संयमित प्रतिक्रिया दी है. राष्ट्रपति के प्रवक्ता जे कार्नी ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति राजनीतिक फैसला लेने से पहले सूचना पर अंतिम मत का इंतजार कर रहे हैं. कोई समय सीमा बताए बिना कार्नी ने कहा, "हम भरोसेमंद और पुष्ट तथ्य जुटाने के लिए काम कर रहे हैं."
पिछले महीनों में ओबामा ने सीरिया विवाद में बार बार अपनी सीमा स्पष्ट की है. पिछले मार्च में इस्राएल के दौरे पर उन्होंने दमिश्क सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल "त्रासद और गंभीर भूल" होगी, जो विवाद का संतुलन बिगाड़ देगा. इस बयान में यह धमकी छुपी हुई थी कि ऐसी स्थिति में अमेरिका सैनिक हस्तक्षेप कर सकता है.
बार बार अटकलें लगाई जा रही थीं कि असद सरकार सत्ता में बने रहने के लिए अपने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल भी कर रही है. वाशिंगटन अब तक इस अनुमान से बच रहा था. गुरुवार को ओबामा प्रशासन ने पहली बार इस बात की पुष्टि की है कि सीरिया में संभवतः छोटे पैमाने पर दिमाग पर असर करने वाली सारीन गैस का इस्तेमाल किया गया है.
व्हाइट हाउस ने अमेरिकी संसद को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है, "हम समझते हैं कि रासायनिक हथियारों का हर इस्तेमाल असद शासन करेगी." पत्र में कहा गया है कि खुफिया सूचनाएं इस ओर संकेत कर रही हैं कि असद का रासायनिक हथियारों पर नियंत्रण है और वह "सीरियाई जनता के खिलाफ अपना भयानक बलप्रयोग" और तेज करने को तैयार हैं.
ओबामा की लक्ष्मण रेखा धुंधली है. हालांकि एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि सभी विकल्प मेज पर हैं, लेकिन वाशिंगटन ने इस पर जोर दिया है कि नई जानकारी का मतलब अपने आप सीरिया विवाद में अमेरिकी हस्तक्षेप नहीं होगा. मध्यपूर्व का दौरा कर रहे अमेरिकी रक्षा मंत्री चक हेगल ने कहा है कि कुछ सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं. उनके साथ दौरा कर रहे एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा है, "खुफिया आकलन का मतलब स्वतः राजनीतिक फैसला नहीं है."
इसके अलावा अमेरिका इस बात की पुष्टि चाहता है कि सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की खबर सच है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियां अभी भी इराक के डरावने सपने से उबरी नहीं है, जब सद्दाम हुसैन के पास जनसंहारक हथियार होने की झूठी खबर के आधार पर अमेरिका ने युद्ध छेड़ दिया. ओबामा की सुरक्षा प्रवक्ता कैटलीन हेडेन के अनुसार सीरिया के रासायनिक हथियारों के बारे में खुफिया जानकारी की अलग अलग स्तरों पर विश्वसनीयता है.
ओबामा लंबे समय तक इंतजार का रवैया नहीं अपना सकते. रासायनिक हथियार के इस्तेमाल की खबरों से संसद के उन सदस्यों को बल मिला है जो सीरिया विवाद में ठोस कदमों की मांग कर रहे हैं. रिपब्लिकन सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा है, "मैं समझता हूं कि यह साफ है कि लक्ष्मण रेखा पार हो गई है."
राष्ट्रपति बराक ओबामा पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ रहा है. यूरोप में फ्रांस और ब्रिटेन विद्रोहियों के लिए समर्थन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. और अमेरिका के निकट सहयोगी इस्राएल को डर है कि सीरिया के रासायनिक हथियार गलत हाथों में पड़ सकते हैं. इस्राएल के उप विदेश मंत्री सीव एल्किन ने कहा, "पूरी दुनिया देख रही है कि क्या होगा. यदि आप लक्षमण रेखा तय करते हैं तो क्या उस पर अमल भी करते हैं?"
उधर सीरिया की सरकार ने विद्रोहियों पर तुर्की से रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है. सूचना मंत्री ओमरान अल सूबी ने कहा, "रॉकेट ऐसी जगह से फेंका गया जो विद्रोहियों के नियंत्रण में है और तुर्की के करीब है." सूबी ने इन आरोपों को ठुकरा दिया कि उनकी सरकार ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है.
एमजे/एनआर (डीपीए, एएफपी)