सीरिया में दो पश्चिमी पत्रकार मारे गए
२२ फ़रवरी २०१२सरकारी सेना ने कई हफ्तों से होम्स शहर में विद्रोहियों का गढ़ तोड़ने की कोशिश की है. लेकिन विद्रोही लगातार मजबूत होते जा रहे हैं. सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और पत्रकारों की जान जाने के बाद बशर अल असद की सरकार पर पश्चिमी दबाव और बढ़ सकता है. सीरिया में गृह युद्ध जैसे हालात आ चुके हैं लेकिन असद सैनिक कार्रवाई धीमी करने को तैयार नहीं हैं.
पत्रकारों की मौत की पुष्टि होने के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने कहा, "बहुत हो गया. अब इस प्रशासन का खत्म होना जरूरी है." फ्रांस की प्रवक्ता वेलेरी पेकरेसे ने मारे गए पत्रकारों की पहचान फोटोग्राफर रेमी ओचलिक और अमेरिकी रिपोर्टर मेरी कॉल्विन के तौर पर की है. कॉल्विन प्रख्यात युद्ध पत्रकार हैं और इन दिनों वह ब्रिटेन की पत्रिका संडे टाइम्स के लिए काम कर रही थीं. सीरिया के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि कम से कम दो और पत्रकार इस हमले में घायल हुए हैं.
होम्स के एक कार्यकर्ता का कहना है कि दोनों पत्रकार एक घर में थे, तभी वहां के गार्डेन में रॉकेट गिरे. इस हमले में दोनों पत्रकारों सहित कुल 13 लोग मारे गए. बहुत से पत्रकार इस घर में शरण लिए हुए थे और वहां से रिपोर्टिंग कर रहे थे.
50 साल से कुछ ज्यादा उम्र की कॉल्विन न्यू यॉर्क की थीं और युद्ध पत्रकारिता के लिए जानी जाती रही हैं. वह पिछले दो दशक से ब्रिटेन के संडे टाइम्स के लिए काम कर रही थीं. श्रीलंका में 2001 में हिंसा के दौरान उनकी एक आंख खराब हो गई थी और उसके बाद से वह एक आंख पर पट्टी लगाती थीं. इस वजह से उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है.
सीरिया की सेना ने पिछले कुछ दिनों में होम्स शहर पर हमले तेज कर दिए हैं. यह सीरिया प्रशासन के प्रतिरोध का प्रतीक बनता जा रहा है और असद सरकार इस पर दोबारा कब्जा करना चाहती है. ब्रिटेन में सीरिया की स्थिति पर नजर रखने वाली मानवाधिकार कमेटी का कहना है कि इदलीब प्रांत में सीरिया की सेना ने हेलिकॉप्टरों से विद्रोहियों पर फायरिंग की है. एक और विपक्षी ग्रुप का कहना है कि असद की सेना ने राजधानी दमिश्क के अंदर माजेह जिले में भी हमले किए हैं और वहां चेकप्वाइंट बना दिए हैं.
इस बीच, अमेरिका में ओबामा प्रशासन ने कठोर और सैनिक रणनीति का इशारा दे दिया है. कहा गया है कि अगर 11 महीने से चला आ रहा खूनखराबा खत्म नहीं होता है तो उन्हें दूसरे रास्ते तलाशने होंगे. हालांकि व्हाइट हाउस और अमेरिकी विदेश विभाग राजनीतिक हल ढूंढने की बात भी कर रहा है.
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि सीरिया में विद्रोह शुरू होने से लेकर अब तक 5400 लोगों की जान जा चुकी है.
यूट्यूब पर एक वीडियो भी पोस्ट किया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि इसमें दिखाए जा रहे दो शव विदशी पत्रकारों के हैं. पिछले कुछ दिनों में कई पश्चिमी पत्रकार चोरी छिपे गैरकानूनी ढंग से सीरिया में दाखिल हुए हैं. इस काम में उन्हें लेबनान और तुर्की से मदद मिली है. सीरिया में पहले गाइल्स जैक्वैयर नाम के फ्रांसीसी पत्रकार की भी मौत हो चुकी है.
रिपोर्टः एपी/ए जमाल
संपादनः महेश झा