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सेक्स स्कैंडल के बाद यूएस में तैराकों की सुध

१९ सितम्बर २०१०

अमेरिकी तैराकों से जुड़े बड़े सेक्स स्कैंडल के सामने आने के बाद तैराकी संगठन ने एथलीटों की सुरक्षा के लिए नए उपायों का एलान किया है. तैराकी से जुड़े हर शख्स को क्रिमिनल बैकग्राउंड टेस्ट से होकर गुजरना होगा.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिका में तैराकी से जुड़ने वाले हर ऐसे शख्स को जो खिलाड़ी नहीं है क्रिमिनल बैकग्राउंड टेस्ट देना होगा. इस टेस्ट में पास होने का बाद ही से तैराकी से जुड़े किसी संस्थान में कोई काम मिल पाएगा. इस टेस्ट का मकसद ऐसे लोगों को खेल की दुनिया से जुड़ने से रोकना है जो आपराधिक गतिविधियों के लिए खेलों में शामिल हो जाते हैं.

तैराकी संगठन यूएसए स्विमिंग के नए एलान का असर देश के 30 हज़ार अतिरिक्त सदस्यों पर पड़ेगा. इतना ही नहीं तैराकों से सीधे या किसी और जरिए से संपर्क रखने वालों को यूएसए स्विमिंग की सदस्यता लेनी होगी. इस नियम में क्लब मालिकों को भी शामिल किया गया है. सभी सदस्यों को हर तरह के आरोपों की रिपोर्ट दर्ज कराने के भी आदेश दे दिए गए हैं. ये सारी कवायद अमेरिकी तैराकी जगत में बड़े सेक्स स्कैंडल के सामने आने के बाद शुरू की गई है.

Michael Phelps nach 200m Schmetterling Sieg Olympia
माइकल फेल्प्सतस्वीर: AP

हाल ही में एक टीवी चैनल के जरिए ये स्कैंडल सामने आया. इसमें कई तैराकी के कोच शामिल पाए गए. इन लोगों ने अपनी छात्राओं का यौन शोषण किया और उनकी चोरी चोरी फिल्में भी बना डालीं. कई कोच तो पोर्नोग्राफी में भी शामिल पाए गए. ये लोग शॉवर के सामने कैमरा छुपाकर रख देते और इनकी मदद से लड़कियों की नंगी तस्वीरें और वीडियो उतार लेते थे. कुछ ऐसे भी मामले सामने आए जिनमें ये तस्वीरें पोर्नोग्राफी के लिए इस्तेमाल की गईं. यौन शोषण के ये मामले पिछले 10 सालों के दौरान हुए.

यौन शोषण के आरोपों में घिरने के बाद कई कोच अपनी नौकरी गंवा बैठे और उन्हें सजा भी दी गई. पिछले कुछ सालों में अमेरिका में तैराकी के खेल में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ी है. खासतौर से माइकल फेल्प्स के ओलिंपिक में 14 पदक जीतने के बाद बड़ी संख्या में छात्र तैराकी से जुड़े रहे हैं. ऐसे में कोच बनना कमाई का भी एक बढ़िया जरिया हो गया है. इसी बीच सामने आए सेक्स स्कैंडल ने तैराकी संगठन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. यही वजह है कि अब इनपर लगाम कसने के लिए नए कदम उठाए गए हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः महेश झा

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