स्विस बैंकों में पाकिस्तान का नंबर भारत से पहले
१७ जून २०१२स्विस बैंकों में विदेशों से जमा कुल धन रुपयों में 90 लाख करोड़ के करीब है. जिसमें भारतीय लोगों या संस्थाओं का हिस्सा 12,700 करोड़ है.
स्विस बैंकों में जमा भारतीय धन कुल जमा का 0.14 फीसदी है. इस मामले में सबसे ऊपर है ब्रिटेन. इन बैंकों में ब्रिटेन का 20 फीसदी से भी ज्यादा पैसा जमा है और उसके बाद अमेरिका का नंबर है जिसका कुल कोष में करीब 18 फीसदी हिस्सा है. स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के आंकड़ों के मुताबिक भारत इसमें 55वे नंबर पर है.
सबसे ऊपर ब्रिटेन और दूसरे नंबर पर अमेरिका के बाद वेस्ट इंडीज, जर्सी, जर्मनी, बहामास, गुएर्नसे, लक्सेम्बर्ग, पनामा और फ्रांस, हांग कांग, कायमन द्वीप, जापान, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, इटली, नीदरलैंड्स, रूस, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात.
एसएनबी के आंकड़े दिखाते हैं कि स्विस बैंकों में जमा भारतीय पैसा 2011 के दौरान पांच साल में पहली बार तेजी से बढ़ा.
राष्ट्रीय बैंक ने आधिकारिक तौर पर इन आंकड़ों को जारी किया है और जमा धन को अपने ग्राहकों के प्रति लायबिलिटी बताया है और इसे काले धन का नाम नहीं दिया है. एसएनबी के आंकड़ों में वे लोग शामिल नहीं हैं जिन्होंने किसी और के नाम पर धन जमा किया है.
साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये
भारत के लोगों या संस्थाओं का कुल धन स्विस बैंक में 202 करोड़ स्विस फ्रैंक भारतीयों ने खुद जमा किए जबकि 15.8 करोड़ वेल्थ मैनेजरों के जरिए जमा किए गए हैं. वेल्थ या फंड मैनेजर वे लोग होते हैं जो किसी व्यक्ति या संस्था से पैसे लेते हैं और उन्हें एक नंबर वाले अकाउंट के तहत जमा कर देते हैं.
किसी व्यक्ति के जरिए पैसे जमा करने वालों में भारत का नंबर 76वां है. 55वें नंबर पर वह सिर्फ सीधे डिपॉसिट करने वालों में शामिल है. वेल्थ मैनेजरों के जरिए पैसे जमा करने में सबसे ऊपर वेस्ट इंडीज फिर पनामा, ब्रिटेन, सऊदी अरब, बहामास, लाइबेरिया, कायमन द्वीप, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, रूस, जर्मनी और अमेरिका.
किसी व्यक्ति के जरिए धन जमा करने के मामले में पाकिस्तान भारत से ऊपर है. उसका नंबर 52वां है. लेकिन उसका कुल पैसा 2.12 अरब स्विस फ्रैंक के रूप में स्विस बैंकों में जमा है. इसलिए वह साठवें नंबर पर है.
पिछले साल स्विस बैंक में भारतीयों का पैसा बढ़कर साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.
काले धन के बारे में सरकार ने संसद में श्वेत पत्र पेश किया. उसमें सरकार ने भी कहा था कि स्विटजरलैंड में भारतीयों के पैसे में 2006 से कमी दर्ज की गई है. 2006 से 2010 बीच इसमें करीब 14 हजार करोड़ रुपए की कमी आई.
स्विस बैंक के ये आंकड़े ऐसे समय आए हैं जब भारत में काले धन का मुद्दा गरमाया हुआ है. सरकार का दावा है कि वह काले धन को भारत में लाने की पूरी कोशिश कर रही है.
एएम/आईबी (पीटीआई)