हर तरह के कैंसर के लिए एक टीका
८ अप्रैल २०१२इस्राएल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी वैक्सिल बायोथेरापुटिक्स के मुताबिक कैंसर के 90 फीसदी मामलों में हमेशा एक अणु देखा जाता है. इसी अणु की मदद से कैंसर की पहचान की जाएगी. उम्मीद है कि जल्द ही एक यूनिवर्सल इंजेक्शन बाजार में लाया जा सकेगा. इसकी मदद से सभी मरीजों का रोग प्रतिरोधी तंत्र इतना मजबूत हो जाएगा कि वह कई तरह के कैंसरों से लड़ता रहेगा.
टीके का फिलहाल परीक्षण चल रहा है. प्रारंभिक परीक्षणों में पता चला है कि यह टीका मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर रहा है और बीमारी के स्तर को भी कम कर रहा है. अब वैज्ञानिक बड़े पैमाने पर परीक्षण करना चाहते हैं. तभी पता चलेगा कि क्या यह टीका वाकई हर तरह के कैंसर से लड़ सकता है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर प्रारंभिक चरण में ही किसी छोटे ट्यूमर की पहचान हो जाए, तो यह टीका उसे भी खत्म कर सकता है. नई दवा सर्जरी करा चुके लोगों में दोबारा ट्यूमर या कैंसर के लौटने की संभावना को भी खत्म करती दिख रही है.
शरीर का रोग प्रतिरोधी तंत्र कैंसर कोशिकाओं को खतरे की तरह नहीं देखता है. इसलिए कैंसर कोशिकाएं रोग प्रतिरोधी तंत्र से बच निकलती हैं. सामान्यतया रोग प्रतिरोधी तंत्र बाहरी कोशिकाओं के हमलों जैसे बैक्टीरिया आदि से लड़ता है. लेकिन ट्यूमर शरीर के अंदर किसी कोशिका के खराब होने से पनपता है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक कैंसर कोशिकाओं में एक अणु बड़ी संख्या में पाया जाता है. इसे एमयूसीआई नाम दिया गया है. इसी की मदद से शरीर के रोग प्रतिरोधी तंत्र को ट्यूमर की पहचान हो सकती है. वैक्सीन में एमयूसीआई अणुओं का ही इस्तेमाल किया गया है, ताकि यह शरीर के अंदर जाकर कैंसर को पहचाने और उसे खत्म करना शुरू कर दें.
ओएसजे/एमजे (पीटीआई)