अमेरिकी अस्पताल में कैंसर से लड़ रहे हैं युवराज
५ फ़रवरी २०१२भारत को वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज जनवरी में अमेरिका गए. पिछले साल कहा गया कि उनके फेफड़े में ट्यूमर है. अब पता चला है कि 30 साल युवी कैंसर से भी लड़ रहे हैं. उनके डॉक्टर जतिन चौधरी ने कहा, "यह एक असामान्य किस्म का ट्यूमर हैं और इसमें कैंसर भी है. पहले चरण में ही इसकी पहचान कर ली गई है. डॉक्टरों को तय करना है कि दवाओं के जरिए ही इलाज किया जाए या कीमोथैरेपी की जाए. ट्यूमर के हिस्से हृदय की धमनी के ऊपर हैं. इस बात का खतरा था कि इलाज के दौरान यह फट सकती हैं. लेकिन इसका 100 फीसदी इलाज संभव है."
युवराज 26 जनवरी को अमेरिका के लिए रवाना हुए. डॉक्टर जतिन के मुताबिक, "डॉक्टरों ने तय किया कि वह कीमोथैरेपी करेंगे. मार्च के अंत तक उनका सीटी स्कैन होगा और फिर वह इससे उबरने लगेंगे. अप्रैल में वह आराम करेंगे. मई तक वह मैदान पर वापस उतर जाएंगे."
पिछले साल वर्ल्ड कप में चार बार मैन ऑफ द मैच और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए युवी आर्युवेद का सहारा भी ले रहे हैं. डॉक्टर के मुताबिक आयुर्वेदिक इलाज के बाद कीमोथैरेपी के तीन चरण ही बचते हैं. जतिन कहते हैं, "अक्टूबर अंत में जब कैंसर का पता चला तो डॉक्टरों को चिंता हुई कि इलाज के दौरान कीमोथैरेपी के छह चरण होंगे."
बीमारी का पता चलने में देर भी हुई. भारत के अस्पताल कैंसर की पहचान करने में नाकाम रहे. फिजियो जतिन चौधरी ने कहा, "उनकी पहली बायोप्सी रिपोर्ट कार से चोरी हो गई. मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं लेकिन दूसरी रिपोर्ट में अस्पताल बीमारी का पता लगाने में नाकाम रहा. एक रूसी डॉक्टर ने कैंसर की पहचान की और अमेरिकी डॉक्टरों से मशविरे के बाद तय किया कि युवराज की कीमोथैरेपी होगी."
युवराज के माता पिता को इन दिनों बस अपने बेटे की ही चिंता है. आम तौर पर मीडिया से बातचीत करने वाली युवराज की मां शबनम सिंह और पिता योगराज सिंह इन दिनों एकांत में अपने बेटे की जिंदगी के लिए दुआ कर रहे हैं.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: एम गोपालकृष्णन